बिहारः BSNL 4G सेवा और सैलरी बढ़ाने के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की भूख हड़ताल
फोर-जी सेवा के लिए लाइसेंस देने और तीसरे वेतन संशोधन का लाभ शीघ्र देने सहित अन्य मांगों को लेकर बीएसएनएल के कर्मचारी और अधिकारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। बुद्ध मार्ग स्थित संचार सदन का परिसर दिन भर सरकार विरोधी नारों से गूंजता रहा।
जागरण संवाददाता, पटना : फोर-जी सेवा के लिए लाइसेंस देने और तीसरे वेतन संशोधन का लाभ शीघ्र देने सहित अन्य मांगों को लेकर बीएसएनएल के कर्मचारी और अधिकारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। बुद्ध मार्ग स्थित संचार सदन का परिसर दिन भर सरकार विरोधी नारों से गूंजता रहा। आल यूनियंस एवं एसोसिएशन आफ बीएसएनएल के तत्वावधान में आंदोलन को और तेज करने पर सहमति बनी।
बीएसएनएल इम्पलाईज यूनियन के प्रमंडलीय सचिव बैकुंठ प्रसाद सिंह ने सवाल उठाया कि हमारे पास थ्री जी है जबकि निजी कंपनियों के पास फोर-जी सेवा है। ऐसे में हम कैसे मुकाबला करेंगे। उन्होंने कहा कि 2008 में थ्री जी सेवा शुरू हुई तो सरकार सबसे पहले बीएसएनएल को इसे शुरू करने की मंजूरी दी गई। वर्ष 2016 में जब फोर जी सेवा देश में शुरू हुई तो सरकार की नियत बदल गई, और सबसे पहले निजी कंपनियों को यह सेवा शुरू करने की स्वीकृति दी गई। अब फाइव-जी सेवा की शुरुआत भी निजी कंपनियों के सहारे किया जा रहा है। बहुत साफ है कि सरकार खुद बीएसएनएल को बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए आठ यूनियनें एकसाथ देशव्यापी एक दिवसीय भूख हड़ताल पर हैं।
मुख्य मांग
माह की अंतिम तिथि को वेतन का भुगतान हो
- वैश्विक विक्रेताओं से बीएसएनएल को उपकरण खरीदने की मंजूरी मिले
- पेंशन में संशोधन किया जाए
- बीएसएनएल टावरों और आप्टिकल फाइवर को बेचने की योजना बंद हो
...तो निजी कंपनियों से आगे रहेगा बीएसएनएल
एसएनईए के परिमंडलीय सचिव अरविंद कुमार ने कहा कि डाट के पास बीएसएनएल का 39000 करोड़ रुपये बकाया है। यह पैसा अगर मिल जाए तो बीएसएनएल हर मामले में निजी मोबाइल कंपनियों से आगे रहेगा लेकिन बकाया नहीं दिया जा रहा है। हमारी मांग है कि फोर-जी के लिए लाइसेंस मिले, डाट बकाया का भुगतान करे, कर्मचारियों को तृतीय वेतन संशोधन का लाभ मिले। कार्यक्रम को एआइजीईटीओए के परिमंडलीय सचिव मुकेश कुमार, एनईटीई के संजय कुमार, एसईडब्ल्यूए के ज्योति कुमार, एआइबीएसएनएलईए के परिमंडलीय सचिव आनंद कुमार, एफएनटीओ के रामेश्वर प्रसाद सिंहा सहित अन्य ने संबोधित किया।