पटना में बिजली का स्मार्ट मीटर को रीचार्ज करते ही जीरो हो रहा बैलेंस, एमडी बोले- दूर होगी तकनीकी खामियां
स्मार्ट मीटर ने पटना के विद्युत उपभोक्ताओं का पसीना छुड़ा दिया है। मीटर रीचार्ज कराने के बाद अचानक राशि कट जा रही है। ऑनलाइन शिकायत करने पर अगले बिल के साथ सुधार होने की सूचना दी जा रही है। अधिकांश उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति प्रमंडलों की दौड़ लगाने को मजबूर हैं।
पटना, जागरण संवाददाता। स्मार्ट मीटर ने पटना के विद्युत उपभोक्ताओं का पसीना छुड़ा दिया है। मीटर रीचार्ज कराने के बाद अचानक राशि कट जा रही है। ऑनलाइन शिकायत करने पर अगले बिल के साथ सुधार होने की सूचना दी जा रही है। अधिकांश उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति प्रमंडलों की दौड़ लगाने को मजबूर हैं। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी संजीवन सिन्हा ने बताया कि बिजली बिल की दर मोबाइल की तरह नहीं है। बिजली की खपत के अनुसार दर निर्धारित होती है। इस कारण उपभोक्ताओं को दस दिनों की खपत पर सही जानकारी नहीं दी जा सकती है। यही कारण है कि एक माह के अंतराल पर बिजली बिल जारी होता है।
एमडी का कहना है कि ज्यादा राशि कटने पर अगले माह का इंतजार करें। बिजली बिल सुधर जाएगा। नयी व्यवस्था है। तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है। बिजली बिल का टैरिफ है। 100 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों का अलग रेट है। 300 से अधिक यूनट खपत होने पर बिजली की दर अलग है। उपभोक्ताओं को भी समझना पड़ेगा कि बिजली की दर मोबाइल की दर की तरह नहीं है।
एमडी का कहना है कि बिल बनने और मीटर लगने के बीच की राशि पहले बिल में काटी जा रही है। गैपिंग के पहले के बकाया को 300 किस्तों में काटा जा रहे हैं। उपभोक्ता गैंपिंग की राशि कटने पर सवाल न उठाएं। स्मार्ट मीटर पर नजर रखी जा रही है।
बता दें कि पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान में 5.60 लाख उपभोक्ता हैं। करीब एक लाख उपभोक्ताओं के यहं स्मार्ट मीटर लगा है। राज्य में 1.70 करोड़ उपभोक्ता हैं। सभी के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। पाटलिपुत्र के हिमांशु मोहन बताते हैं कि उनका पहले का कोई राशि बनाया नहीं है। पांच मई को एक हजार रुपये जमा किए और आठ मई को बिल घटकर 1.61 रुपये पर आ गया। मैसेज आया कि प्रिय उपभोक्ता आपक प्रीपेड बैलेंस 1.61 रुपये जल्द खत्म होने वाला है। कृपया अपना अकाउंट रिचार्ज कराएं।
नागेश्वर कॉलोनी के एक उपभोक्ता अपना मीटर बदलवाने के लिए बिजली कार्यालय में दौड़ लगा रहे हैं। बैलेंस डालते ही राशि कट जा रही है। इस तरह से बड़ी संख्या में उपभोक्ता परेशान हैं। एमडी का स्पष्ट कहना है कि ज्यादा राशि लेने की स्थिति में अगले बिल में सुधार हो जा रहा है।