घर की छत पर करें बिजली उत्पादन, सरकार देगी अनुदान
अब आप अपने घर की छत पर भी बिजली उत्पादन केंद्र लगा सकते हैं।
पटना। अब आप अपने घर की छत पर भी बिजली उत्पादन केंद्र लगा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार 65 फीसद अनुदान रही है। अनुदान मिलने के बाद तीन किलोवाट के सोलर प्लांट लगाने पर महज 55 हजार रुपये खर्च होंगे। जबकि बिना अनुदान के सोलर प्लांट लगाने में लगभग 1.60 लाख रुपये खर्च लगते हैं। यह ग्रिड से भी कनेक्ट रहेगा। राज्य सरकार ने इस वर्ष बिजली कंपनी को नोडल एजेंसी बनाई है। वर्ष 2020 में पांच हजार किलोवाट का ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट अनुदान पर दिए जाएंगे। इसके लिए साउथ बिहार विद्युत कंपनी को तीन हजार किलोवाट और नॉर्थ बिहार विद्युत कंपनी को दो हजार किलोवाट का आवंटन मिला है। यहां आवेदन कर उपभोक्ता सोलर प्लांट लगवा सकते हैं।
वर्ष 2019 में 113 लोगों ने लगवाया सोलर प्लांट
वर्ष 2019 में राज्यभर में 113 लोगों ने अपने घर की छत पर 588 किलोवाट के सोलर प्लांट लगवाए। तीन किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने वालों के लिए अनुदान की राशि अब 55 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दी गई है। जबकि चार किलोवाट से आठ किलोवाट लोड तक का सोलर प्लांट लगाने पर 45 फीसद अनुदान मिलेगा। इस योजना को प्रारंभ करने की तैयारी अंतिम चरण में है।
पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर मिलेगा लाभ
सोलर प्लांट लगाने की योजना का लाभ पहले आयो-पहले पाओ की तर्ज पर लाभ मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष यह योजना फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में लॉन्च की गई थी। सिर्फ 22 दिनों के अंदर आवेदन देने वालों को इस योजना का लाभ मिल पाया था। इस दौरान 2019 लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के कारण राशि खर्च करने की समय सीमा तय थी।
विभाग के पोर्टल पर जनवरी से कर सकते हैं आवेदन
जनवरी माह में पोर्टल पर उपभोक्ता आवेदन कर सकते हैं। दोनों विद्युत कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र के लिए आवेदन मांगेगी। इस वर्ष आवंटन कम है। आवेदकों की संख्या बड़ी संख्या में होने की संभावना है।
मोबाइल एप पर बिजली उत्पादन और खपत की मिलेगी जानकारी
सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन कर ग्रिड को देना है। उत्पादित बिजली से आपके घर में खर्च हुई बिजली के बाद जितना यूनिट बचेगा वह उपभोक्ता के खाते में दर्ज हो जाएगा।
कार्बन का दोहन करता है सोलर प्लेट
सोलर प्लेट से बिजली उत्पादन करने पर पर्यावरण का संरक्षण भी होता है। सोलर प्लेट आसपास के कार्बन का दोहन भी करता है। जबकि कोयला से बिजली उत्पादन से पर्यावरण प्रदूषित होता है।