Bihar Assembly Election 2020: कोरोना काल में बिहार में नए ढंग से चुनाव कराने की तैयारी में निर्वाचन आयोग, जानें

कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के लिए आसान नहीं है। सुरक्षित मतदान के लिए शारीरिक दूरी का अनुपालन जरूरी होगा।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:37 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 03:06 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: कोरोना काल में बिहार में नए ढंग से चुनाव कराने की तैयारी में निर्वाचन आयोग, जानें
Bihar Assembly Election 2020: कोरोना काल में बिहार में नए ढंग से चुनाव कराने की तैयारी में निर्वाचन आयोग, जानें

पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के लिए आसान नहीं है। सुरक्षित मतदान के लिए शारीरिक दूरी का अनुपालन जरूरी होगा। ऐसे में आयोग राज्य में नए बूथों की तलाश में जुट गया है। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया है और इस संबंध में 22 जून तक रिपोर्ट देने को कहा है।

चुनाव आयोग ने जिलों में डीएम को भेजे गए पत्र में मतदान केंद्रों के सत्यापन के क्रम में ही नए बूथ बनाने की अर्हता रखने वाले उपयुक्त भवनों को भी चिह्नित करने का निर्देश दिया है। कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव आयोग के सामने अलग तरह की परेशानी है। लिहाजा संभव है कि बूथों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने शनिवार को डीएम-एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मतदाता पुनरीक्षण कार्यों की भी समीक्षा की। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बैजू कुमार सिंह ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2020 को लेकर मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करें। जिसके आधार पर ही मतदान केंद्रों के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बार कोरोना की वजह से चुनाव आयोग के सामने अलग तरह की परेशानी है। ऐसे में बूथों पर मतदाताओं की सुरक्षा एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग के तरीके अपनाने के उपाय तलाशे जा रहे हैं। 

एचआर श्रीनिवास ने बताया कि कोविड-19 की वजह से शारीरिक दूरी का भी पालन करना है। प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक हजार वोटर होते हैं। आयोग को उनका ध्यान रखना होगा। कोरोना से बचाव के संबंध में जो प्रोटोकॉल है उसे भी पालन करना है और सुरक्षित चुनाव भी कराना है। ऐसे में जरूरत पड़ी तो मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया जा सकता है। 

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