कलामंच के पुरस्कार पर ग्रहण, करना होगा लंबा इंतजार

बिहार के शिल्प कला और इससे जुड़े कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग प्रतियोगिता आयोजित करता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 01:04 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:04 AM (IST)
कलामंच के पुरस्कार पर ग्रहण, करना होगा लंबा इंतजार
कलामंच के पुरस्कार पर ग्रहण, करना होगा लंबा इंतजार

जासं, पटना : बिहार के शिल्प कला और इससे जुड़े कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग प्रयासरत है। उद्योग विभाग अंतर्गत उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष शिल्प कला पुरस्कार के लिए प्रतियोगिता होती रही है। इस वर्ष भी तैयारी पूरी कर ली गई थी। छह अप्रैल से छह मई तक प्रतियोगिता होनी थी, लेकिन संक्रमण के कारण इसे रद कर दिया गया। कलाकारों को अब पुरस्कार व प्रतियोगिता के लिए लंबा इंतजार करना होगा।

शिल्प संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि टेरोकोटा, पाषाण, काष्ठ कला, सिक्की, जूट, लाह, बेंत, सेरामिक, मेटल क्राफ्ट व पेपरमेसी विधा से जुड़े प्रतिभागियों के लिए छह अप्रैल से 15 अप्रैल तक पाटलिपुत्र स्थित शिल्प अनुसंधान संस्थान परिसर में प्रतियोगिता होनी थी। वहीं मंजूषा, एप्लिक-कशीदा, सुजनी, ब्लॉक प्रिटिग, भोजपुरी कला, क्रोशिया, टिकुली पेंटिग के लिए पटना खादी मॉल परिसर में 17 अप्रैल से 26 अप्रैल तक प्रतियोगिता होनी थी। मिथिला पेंटिग के लिए 27 अप्रैल से छह मई तक खादी मॉल में प्रतियोगिता होनी थी। अब संक्रमण का खतरा कम होने पर विभाग के निर्देशानुसार इसे री-शिड्यूल किया जाएगा। मिथिला पेंटिग से जुड़े कलाकार राजकुमार लाल ने बताया कि पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अपने स्तर से तैयारी में जुटे थे। चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र के साथ मिलते हैं नकद रुपये

शिल्प प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों का चयन राज्य पुरस्कार के लिए किया जाता है। 20 प्रतिभागियों का चयन राज्य मेधा पुरस्कार के लिए होता है। राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिल्पियों को 50 हजार रुपये, प्रमाण-पत्र, अंग वस्त्र मिलता है। राज्य मेधा पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को 25 हजार रुपये विभाग की ओर से दिए जाते हैं। राज्य पुरस्कार प्राप्त कलाकार राष्ट्रीय स्तर की होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेकर पुरस्कृत होते हैं।

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कलामंच

- उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष ली जाती प्रतियोगिता

- छह अप्रैल से छह मई तक प्रतियोगिता का होना था आयोजन, लॉकडाउन में रद

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