चश्मे का नंबर बदल रहा पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव

कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों की देखने की क्षमता में कमी देखी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 01:42 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 01:42 AM (IST)
चश्मे का नंबर बदल रहा पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव
चश्मे का नंबर बदल रहा पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव

पटना । कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों की देखने की क्षमता में कमी देखी जा रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञों के यहां पहुंच रहे करीब 30 फीसद लोग ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित हुए थे और अब उन्हें कम दिखने की शिकायत हो रही है। जो लोग पहले से चश्मा पहनते थे उनका नंबर बदला जा रहा है तो अन्य लोगों को डाक्टर चश्मा पहनने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टर इसका कारण कोरोना के कारण शुगर स्तर अचानक तेजी से बढ़ने व संक्रमण से आई कमजोरी व तनाव को भी मान रहे हैं। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है, जिन्हें संक्रमण के दौरान स्टेरायड की हाई डोज दी गई थी। : शुगर, कमजोरी व तनाव से बढ़ रहा नंबर :

बिहार आप्थलमोलॉजी सोसायटी के सचिव डा. सुनील कुमार सिंह के अनुसार अनलॉक-1 के बाद रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी। हर दिन 100 में से करीब 30 मरीज ऐसे होते हैं, जो कोरोना संक्रमित हुए थे और अब उन्हें साफ नहीं दिख रहा है। इनमें से 50 फीसद ऐसे मरीज हैं जो कोरोना उपचार को अस्पताल में भर्ती हुए थे और उन्हें स्टेरायड दी गई थी। वहीं 20 फीसद ऐसे मरीज हैं, जिनका शुगर स्तर कोरोना उपचार के दौरान या उसके बाद तेजी से बढ़ा। 30 फीसद रोगी ऐसे रहे जिनके चश्मे का नंबर संक्रमण से हुई अत्यधिक कमजोरी व तनाव के कारण बढ़ाना पड़ा। स्टेरायड लेने वाले ठीक होने के बाद भी शुगर स्तर पर रखें नजर :

आइजीआइएमएस स्थित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि ओपीडी बंद होने के कारण आंकड़े एकत्र नहीं हो सके लेकिन कोरोना संक्रमण या उसके बाद शुगर स्तर का अचानक बढ़ना इसका मुख्य कारण है। अस्पताल में कोरोना मरीजों को स्टेरायड दिए जाते हैं, इससे शुगर स्तर अचानक बढ़ जाता है। इससे आंखों की लेंस में सूजन आ जाती है और दृष्टि क्षमता कमजोर हो जाती है। सामान्यत: यह समस्या पोस्ट कोविड मरीजों में ज्यादा देखी जाती है। कोरोना के दौरान भी शुगर स्तर बेकाबू होने की खबरें आ रही हैं लेकिन अभी इस पर कोई अध्ययन नहीं हुआ है। ऐसे में बेहतर होगा कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद हर रोगी को दिन में दो से तीन बार अपने शुगर स्तर की जांच करते रहनी चाहिए। यदि शुगर स्तर बढ़ा दिखे तो किसी भी इंडोक्राइन विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। : इंडोक्राइन अस्पताल में 30 फीसद पोस्ट कोविड मरीज :

इंडोक्राइन सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि आजकल ओपीडी में 50 से 60 रोगी आ रहे हैं। इनमें से 15 से 20 रोगी पोस्ट कोविड के होते हैं। इनकी सामान्य समस्या पैरों के निचले भाग में दर्द व ऐंठन, डेढ़ माह बाद भी कमजोरी और तनाव प्रमुख हैं। इनमें से कुछ लोग कम दिखने की शिकायत भी करते हैं।

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