बाघों के लिए मशहूर जंगल वीटीआर में कुत्तों पर होगी नजर, लाल सांप पर भी प्रशासन का फोकस

बिहार में बाघ के लिए फेमस वाल्‍मीकि टाइगर रिजर्व में अब कुत्‍तों पर प्रशासन की नजर होगी। यह सुनकर आप चौंके नहीं। वीटीआर में अब कुत्‍ते भी बाघ की तरह आसानी से गिने जाएंगे।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 11:03 PM (IST)
बाघों के लिए मशहूर जंगल वीटीआर में कुत्तों पर होगी नजर, लाल सांप पर भी प्रशासन का फोकस
बाघों के लिए मशहूर जंगल वीटीआर में कुत्तों पर होगी नजर, लाल सांप पर भी प्रशासन का फोकस

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में बाघ के लिए फेमस वाल्‍मीकि टाइगर रिजर्व में अब कुत्‍तों पर प्रशासन की नजर होगी। यह सुनकर आप चौंके नहीं। वीटीआर में अब कुत्‍ते भी बाघ की तरह आसानी से गिने जाएंगे। वीटीआर में आनेवाले पर्यटकों के लिए भी कई तरह की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इसके साथ ही पर्यटकों का आवक बना रहे, इसके लिए रोज शाम में लोकनृत्‍य का आयोजन भी किया जाता है। वीटीआर प्रशासन की यह पहल को लोग काफी सराह रहे हैं।  

यह सब होगा एम स्‍ट्राइप एप्‍प से 

दरअसल, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने वीटीआर के आग्रह पर एम स्ट्राइप एप्‍प में नया विकल्प सृजित किया है। इससे अब वीटीआर के जंगली कुत्तों की गणना में सहूलियत होगी। डीएफओ गौरव ओझा बताते हैं कि अभी तक यह विकल्प नहीं था, लेकिन वीटीआर के आग्रह पर भारतीय वन्यजीव संस्थान ने यह सुविधा दे दी है।

वीटीआर प्रशासन ने की थी मांग

बता दें कि बिहार के चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगली कुत्तों को काफी बड़ी संख्या है, लेकिन बाघों की गणना के साथ अन्य प्राणियों की गिनती के लिए सृजित एम स्ट्राइप एप्‍प में विकल्प नहीं होने के कारण इसकी ऑनलाइन गणना में कठिनाई हो रही थी। ऐसे में वीटीआर प्रशासन ने जंगली कुत्तों का विकल्प जोडऩे का आग्रह किया था। 

वीटीआर में मिली सांप की नई प्रजाति

रेड कोल कुकरी नाम के सांप की गणना के लिए भी एम स्ट्राइप एप्‍प में नया विकल्प सृजित करने का आग्रह किया गया है। लाल रंग का यह सांप वीटीआर के जंगलों में मिला है। अभी तक इस तरह के सांप की अन्य टाइगर रिजर्व में मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।

शाम में लोकनृत्य

पर्यटकों के मनोरंजन के लिए प्रतिदिन शाम में स्थानीय थारू कलाकार लोकनृत्य की प्रस्तुति देते हैं। इसमें महिला और पुरुष अलग अलग टोली में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद वन्य प्राणियों पर आधारित फिल्म दिखाई जाती है। शाम 6.30 से रात 8 बजे तक पर्यटकों के मनोरंजन के लिए यह पहल की गई है।

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