जमीन पर वजूद नहीं और कर लिया नौ सौ करोड़ का कारोबार, बिहार में खुली फर्जीवाड़े की पोल

वाणिज्य कर विभाग ने ऐसे दो दर्जन फर्मों को पकड़ा है जिनका कारोबार घोषित पते पर नहीं हो रहा था। कोयला आयरन स्टील और लैपटाप आदि के फर्जी कारोबारियों पर अब कार्रवाई होगी। इन फर्म में कर चोरी की आशंका जताई गई है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:38 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:38 AM (IST)
जमीन पर वजूद नहीं और कर लिया नौ सौ करोड़ का कारोबार, बिहार में खुली फर्जीवाड़े की पोल
वाणिज्‍य कर विभाग ने दो दर्जन फर्म में पकड़ी गड़बड़ी। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। वाणिज्य कर विभाग ने ऐसे दो दर्जन फर्मों को पकड़ा है, जिनका कारोबार घोषित पते पर नहीं हो रहा था। कोयला, आयरन स्टील और लैपटाप आदि के फर्जी कारोबारियों पर अब कार्रवाई होगी। वाणिज्य कर आयुक्त डा. प्रतिमा ने बताया कि पहली नजर में ये कारोबारी कर चोरी के आरोपी प्रतीत होते हैं। करों की चोरी और बिल ट्रेडिंग के गलत इरादे से ही ये फर्म बनाए गए थे। इन्होंने करीब तीन सौ 80 करोड़ रुपये का कारोबार किया। करीब 55 करोड़ रुपये के फेक आइटीसी के जरिए कर चोरी का पर्दाफाश हुआ है। 

जांच में 24 फर्म का संचालन नियमानुकूल नहीं

डा. प्रतिमा के मुताबिक विभाग की 33 टीमों ने मंगलवार को पटना में 13, सारण में 10, भागलपुर में एक, दरभंगा में तीन, मगध में चार एवं पूर्णिया में दो प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में गलत पाए गए 24 फर्मों की जांच चल रही है। अंदेशा है कि फर्जी कागजात के आधार पर इनका निबंधन हुआ। निरीक्षण में कई तरह की अनियमितता पकड़ में आईं। 

फर्जी परिवहन दिखाकर करोड़ों के लैपटाप का कारोबार 

दरभंगा के एक कंप्यूटर कारोबारी द्वारा फर्जी परिवहन दिखाकर करोड़ों रुपये के लैपटाप का कारोबार किया गया। आइटीसी का लाभ दूसरे कारोबारी को दिया गया। वाहन के तौर पर कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। इस फर्म से तीस लाख रुपये मूल्य का सामान भी जब्त किया गया। औरंगाबाद के पते पर दर्ज फर्म डेहरी में पाया गया। औरंगाबाद की तीन फर्मों की जांच में 16 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला पकड़ा गया। पटना एवं भागलपुर में निबंधित तीन फर्मों का निरीक्षण किया गया। इनमें एक का अस्तित्व नहीं है। इस अस्तित्वहीन फर्म ने विगत तीन वर्षों में नौ सौ करोड़ रुपये का कारोबार किया। वाणिज्य कर आयुक्त ने बताया कि इन फर्मों के द्वारा करोड़ो के रीचार्ज वाउचर राज्य के बाहर के रीटेल व्यवसायियों से खरीदे जा रहे हैं। आनलाइन प्लेटफार्म के जरिए रीचार्ज किया जा रहा है। 

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