बिहार में मोबाइल से डाक्टर भेजेंगे उपचार व दवाई का रिकार्ड, हाईटेक होंगे पशु चिकित्सक

बिहार में अब पशु चिकित्सकों को प्रतिदिन जीपीएस आधारित सेवा सुनिश्चित करनी होगी। ऐप पर पशुओं के उपचार व पशुपालकों के बीच दवा वितरण संबंधित डाटा अपडेट करना होगा। सरकार पशु चिकित्सकों को हाईटेक बनाने जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:42 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:42 PM (IST)
बिहार में मोबाइल से डाक्टर भेजेंगे उपचार व दवाई का रिकार्ड, हाईटेक होंगे पशु चिकित्सक
बिहार में पशु चिकित्सक अब हाईटेक होंगे। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : सरकार पशु चिकित्सकों को हाईटेक बनाने जा रही है। सीयूजी (क्लोज यूजर ग्रुप) मोबाइल व सिम मुहैया कराने की तैयारी है। अब पशु चिकित्सकों को प्रतिदिन जीपीएस आधारित सेवा सुनिश्चित करनी होगी। ऐप पर पशुओं के उपचार व पशुपालकों के बीच दवा वितरण संबंधित डाटा अपडेट करना होगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की कोशिश है कि प्रखंड से लेकर जिले और क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात चिकित्सकों को मोबाइल व सिम मुहैया कराया जाए। नवाचार से विभाग को पशुपालकों के साथ दवा खरीद और विभागीय योजना बनाने समेत कई मायने में लाभ मिलने का अनुमान है। शीघ्र ही ऐप विकसित कराने की तैयारी है।

सरकार 39 प्रकार की दवाइयां मुफ्त कराती है मुहैया

बता दें कि सरकार पशुपालकों में बांटने के लिए 39 प्रकार की दवाइयां मुफ्त में पशु चिकित्सालयों को उपलब्ध कराती है। पहल के धरातल पर उतरने के बाद आने वाले दिनों में पशु चिकित्सकों को मौके पर ही दवाई वितरण संबंधित डाटा अपडेट करना होगा।

- मोबाइल से भेजेंगे उपचार व दवाई का रिकार्ड - सीयूजी मोबाइल व सिम मुहैया कराने की तैयारी - पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग शीघ्र देगा मोबाइल-सिमकार्ड - हर दिन जीपीएस आधारित सेवा सुनिश्चित करनी होगी

प्रखंड स्तर पर हैं 1098 चिकित्सक

पशुपालन विभाग में अनुमंडल से लेकर प्रखंड स्तर पर 1098 पशु चिकित्सक हैं। वहीं, 38 जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी है। इसके अलावा क्षेत्रीय व मुख्यालय के अधिकारियों को सीयूजी मोबाइल सुविधा से विभाग की योजना लैस करने की है।

पशुपालकों को मिलेगा पैकेट बंद चारा

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग आगामी वर्ष से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पशुपालको को पैकेट बंद चारा मुहैया कराने का निर्णय किया है। हालांकि विभाग ने शर्त भी लगा दी है। यह लाभ वैसे पशुपालकों को मिलेगा जिन्होंने ने अपने पशु का इयर टैगिंग कराया होगा। विभाग इसके लिए शीघ्र ही आपदा प्रबंधन विभाग से समन्वय स्थापित करेगा।

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