आइएमए के चिकित्सकों ने एम्स व पीएमसीएच पहुंच बंद कराई ओपीडी, निजी क्लिनिक भी रहे बंद
स्वामी रामदेव की एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर की गई टिप्पणी के खिलाफ समेत अन्य मांगों को लेकर आइएमए के आह्वान पर शुक्रवार को सरकारी एवं निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बाधित कर दी गई। एम्स एवं पीएमसीएच में भी ओपीडी बाधित की गई।
पटना, जागरण संवाददाता। बाबा रामदेव की ओर से एलोपैथ को लेकर दिए गए बयान सहित आधा दर्जन मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर आहूत हड़ताल का राजधानी के निजी-सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर व्यापक असर देखने को मिला। निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीज नहीं देखे गए। पीएमसीएच व एम्स में आइएमए प्रतिनिधियों ने पहुंचकर अस्पताल की ओपीडी बंद करा दी। इसके बाद आइएमए भवन पर संगठन के नेताओ ने धरना दिया। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि आइएमए के नेताओं के जाने के बाद ओपीडी चालू कर दिया गया।
प्रमुख अस्पतालों में घूमते रहे हड़ताली चिकित्सक
इससे पूर्व पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स में सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर 12:30 बजे तक कोविड एवं आकस्मिक सेवा छोड़कर ओपीडी सेवा को बंद कराने के लिए आइएमए के प्रतिनिधि घूमते रहे। कोविड, इमरजेंसी व ब्लैक फंगस के उपचार सेवा को प्रभावित नहीं किया गया। पूरे राज्य में प्रोटेस्ट डे का नेतृत्व आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष (निर्वाचित) डा. सहजानंद प्रसाद सिंह ने किया। प्रोटेस्ट के दौरान सभी चिकित्सकों ने काला मास्क और इसी रंग का रिबन लगा रखा था।
योग गुरु पर कार्रवाई की मांग
आइएमए भवन में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए संंगठन के नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाने की बात कहीं। उनकी प्रमुख मांगों में चिकित्सा संस्थानों में हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय सुरक्षा कानून बनाने व हिंसा करने वाले को 10 वर्ष की सजा एवं कानून को आइपीसी एवं सीआरपीसी में निहित करना शामिल है। वक्ताओं ने कहा कि चिकित्सकीय परिसर को सुरक्षित स्थान घोषित किया जाए। वहीं बाबा रामदेव के चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा पद्धति, चिकित्सक विरोधी बयानों, कोविड शहीदों का अपमान एवं सरकार द्वारा नियत कोविड चिकित्सा एवं कोविड टीके के विरूद्ध बोलने के लिए देश के विभिन्न कानूनों के अंतर्गत कार्रवाई एवं सजा दिलाने की मांग भी की गई।
इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष डा. अजय कुमार, राज्य सचिव डा. सुनील कुमार, डा. डीके चौधरी, डा. मंजू गीता मिश्रा, डा. बसंत सिंह, डा. ब्रजनंदन कुमार, डा. राजीव रंजन गुप्ता, डा. सौरव कुमार, डा. दिनेश कुमार, डा. अमूल्य कुमार सिंह आदि ने अपनी सहभागिता दिखाई। कार्यक्रम के अंत में डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं राज्य सरकार के लिए अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।