बिहार में मारपीट व तोड़फोड़ के बाद छह घंटे गायब रहे डॉक्टर, आरा सदर अस्पताल में मरीज बेहाल
Bihar Coronavirus Update News भोजपुर के जिला मुख्यालय आरा के सदर अस्पताल में मारपीट और तोड़फोड़ के बाद आधी रात को डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ड्यूटी छोड़कर निकल भागे। काफी समझाने-बुझाने के बाद सुबह आठ बजे से अस्पताल में व्यवस्था ठीक हो सकी।
पटना/आरा, जागरण टीम। Bihar Coronavirus Update News: भोजपुर के जिला मुख्यालय आरा के सदर अस्पताल में मारपीट और तोड़फोड़ के बाद आधी रात को डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ड्यूटी छोड़कर निकल भागे। इसके बाद अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और कोविड वार्ड में हाहाकार की स्थिति मच गई थी। अस्पताल में भर्ती मरीज इलाज के बगैर तड़पते रहे और वहीं नए मरीज अस्पताल आकर लौटने को मजबूर हो गए। स्थिति इसलिए अधिक गंभीर हो गई थी, क्योंकि शहर के ज्यादातर निजी अस्पताल कोरोना संकट में बंद कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की देर रात एक मरीज की मौत से गुस्साए स्वजनों ने अस्पताल कर्मियों के साथ बदसलूकी की और तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। बहरहाल काफी समझाने-बुझाने के बाद मेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर लौट आया है और सुबह आठ बजे से अस्पताल में इलाज सुचारू हो गया है।
मरीज की मौत के बाद भड़के स्वजनों ने की तोड़फोड़
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात करीब दो बजे आरा सदर अस्पताल में रोहतास जिला के गोड़ारी थाना क्षेत्र के देवपरसर गांव निवासी राम कुमार सिंह की पत्नी आरती देवी की मौत हो गई। स्वजनों का कहना है कि अस्पताल में मेडिकल स्टाफ के दवा देते ही उनके मरीज की तबीयत अचानक अधिक खराब हो गई। मरीज बेचैन होकर छटपटाने लगा और थोड़ी ही देर बाद दम तोड़ दिया। इसके बाद गुस्साए लोगों ने डॉक्टर और अन्य नर्सिंग स्टाफ के साथ बदसलूकी की।
मरीज के स्वजनों का आरोप- देखने नहीं आए डॉक्टर
मरीज का परिवार फिलहाल आरा टाउन थाना क्षेत्र के गौसगंज स्थित वीर कुंवर सिंह के समीप किराये के मकान में रहता है। मृतका के पति राम कुमार सिंह ने चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ पर काम में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि रात के करीब 12 बजे अचानक पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर वे लोग सदर अस्पताल आए थे। लेकिन यहां चिकित्सक ने मरीज को देखने की जहमत तक नहीं उठाई।
नर्स के इंजेक्शन लगाते ही तबीयत बिगड़ने का आरोप
महिला के पति ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात नर्स द्वारा उनकी पत्नी को एक इंजेक्शन लगाया गया। इसके थोड़ी ही देर बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। दूसरी ओर मृतका की देवरानी सुनीता देवी ने इमरजेंसी में उपस्थित चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि आरती देवी को दो दिनों से बुखार लग रहा था और उनका इलाज निजी अस्पताल से कराया जा रहा था। रात 12 बजे उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई तो सदर अस्पताल लाया गया।
दूसरा इंजेक्शन लगाते ही बेचैन हो गई महिला मरीज
आरती देवी की देवरानी ने बताया कि इमरजेंसी में तैनात नर्स ने पहले एक इंजेक्शन दिया, जिसके बाद मरीज की तबीयत में थोड़ा सुधार हुआ। थोड़ी ही देर बाद जब नर्स ने दूसरा इंजेक्शन लगाया तो मरीज बेचैन हो गई और उनका पूरा शरीर काला हो गया। इसके थोड़ी ही देर बाद उनकी मौत हो गई। मृतका के स्वजन घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स को बुलाने की मांग कर रहे थे।
एक हफ्ते के अंदर अस्पताल में तीसरी बार ठप पड़ी इमरजेंसी सेवा
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस सदर अस्पताल पहुंची। पुलिस ने महिला के स्वजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया गया। इधर, सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ फरार हैं इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। आपको बता दें कि इस बढ़ते कोरोना काल में एक सप्ताह के अंदर यह तीसरी बार ऐसा हुआ है कि चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के गायब होने के कारण आरा सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं।