लिंग जांच न करें, कभी भी स्टिंग में पकड़े जा सकते हैं

अल्ट्रासाउंड के दौरान भ्रूण का लिंग जांच करना अपराध है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 01:42 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 06:10 AM (IST)
लिंग जांच न करें, कभी भी स्टिंग में पकड़े जा सकते हैं
लिंग जांच न करें, कभी भी स्टिंग में पकड़े जा सकते हैं

पटना। अल्ट्रासाउंड के दौरान भ्रूण का लिंग जांच करना अपराध है। कोई भी केंद्र यह कार्य नहीं करें। कभी भी आपका स्टिंग किया जा सकता है। पीसी पीएनडीटी एक्ट जागरुकता को लेकर आइएमए हॉल में राजधानी के सोनोलॉजिस्ट की बैठक में सिविल सर्जन डॉ. राज किशोर चौधरी ने उक्त बातें कही।

उन्होंने कहा कि स्टिंग में पकड़े जाने पर सेंटर बंद करते हुए आपकी डिग्री जब्त कर ली जाएगी। एफआइआर कराते हुए कानूनी कार्रवाई भी की होगी। चौधरी ने बताया कि जिले में 400 अल्ट्रासाउंड केंद्र कार्यरत हैं। अब किसी अस्पताल या सेंटर में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड है, तो उसका भी लाइसेंस अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं मिला, तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अब केवल पीजी डॉक्टर ही अल्ट्रासाउंड करेंगे। हालांकि अबतक अल्ट्रासाउंड करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर इस नियम के तहत नहीं आएंगे। लाइसेंस का नवीनीकरण भी अब 30 दिन पहले कराना होगा।

क्लीनिक के सामने लगाना होगा बोर्ड: पीसी पीएनडीटी एक्ट की नेशनल टीम में सदस्य रहीं डॉ. प्रगति सिंह ने कहा कि हर अल्ट्रासाउंड केंद्र में दो-तीन जगहों पर 'यहां भ्रूण का लिंग परीक्षण नहीं होता है', 'लिंग परीक्षण दंडनीय अपराध है' आदि का बोर्ड लगाना होगा। साथ ही रेसिप्शन व अल्ट्रासाउंड कक्ष में सिविल सर्जन की ओर से जारी लाइसेंस की कॉपी भी टांगनी होगी। अल्ट्रासाउंड करने की समय की भी जानकारी दिखनी चाहिए। यदि एक से अधिक डॉक्टर कार्य कर रहे हैं तो सभी का समय प्रदर्शन जरूरी है।

उन्होंने कहा कि सभी सोनोग्राफर अपने यहां होने वाले अल्ट्रासाउंड का दो वर्ष का रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखें। केंद्रीय टीम की जांच में यह अनिवार्य है। मरीजों के रसीद की कॉपी, रेफर डॉक्टर्स की पर्ची, डॉक्टर का एप्रन होना भी अनिवार्य है।

कार्यक्रम का संचालन नोडल पदाधिकारी डॉ. उदय नारायण प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एसीएमओ डॉ. विभा कुमारी सिंह ने किया। मौके पर सोनोलॉजिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. पीसी पाठक, सोनोलॉजिकल सोसायटी के सचिव डॉ. राजेश कुमार सिन्हा, पीएमसीएच के डॉ. जीएन सिंह, आइजीआइएमएस के डॉ. ब्रजनंदन कुमार सहित राजधानी के सोनोलॉजिस्ट काफी संख्या में उपस्थित रहे।

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कानून का पालन नहीं करने पर सील हो सकता है केंद्र: इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेंगिंग एसोसिएशन बिहार चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण कुमार ने पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की नियमावली की जानकारी सोनोग्राफरों को दी। उन्होंने कानूनी पहलुओं को भी विस्तार से बताया। कहा कि नियमों का पालन जरूरी है, अन्यथा अल्ट्रासाउंड केंद्रों को निलंबित या सील किया जा सकता है।

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