बिहार के हर नागरिक का बनेगा डिजिटल हेल्‍थ कार्ड, हर बीमारी में मदद को तैयार रहेगी सरकार

Digital Health Card in Bihar बिहार के हर नागरिक का बनेगा डिजिटल हेल्थ कार्ड डिजिटल हेल्थ कार्ड में होगा व्यक्ति की बीमारी का ब्यौरा आधार कार्ड की तरह ही होगा डिजिटल हेल्थ कार्ड भी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने बताई पूरी योजना

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:14 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:14 AM (IST)
बिहार के हर नागरिक का बनेगा डिजिटल हेल्‍थ कार्ड, हर बीमारी में मदद को तैयार रहेगी सरकार
बिहार में हर नागरिक के स्‍वास्‍थ्‍य का ब्‍योरा रहेगा सरकार के पास। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, सुनील राज। Health Card in Bihar: बिहार की 12.90 करोड़ की आबादी को अब सरकार डिजिटल हेल्थ कार्ड (Digital Health Card) देने की तैयारी में है। आधार कार्ड (Aadhar Card) की तर्ज पर बनने वाले यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड में संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़े हर रिकार्ड होंगे। कार्ड मिलने के बाद मरीज को अपने पुराने इलाज के लंबे-चौड़े पुर्जे साथ लेकर नहीं चलने होंगे। डाक्टर या अस्पताल कंप्यूटर पर एक क्लिक के जरिए उस रोगी का पुराना सारा इतिहास जान सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। फिलहाल मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह काम शुरू किया गया है।

बीमारी के साथ अन्य जानकारी भी

व्यक्ति को मिले डिजिटल हेल्थ कार्ड से यह जाना जा सकेगा कि अब तक व्यक्ति किस-किस बीमारी का शिकार रहा है। उसने अपना इलाज कहां-कहा कराया है। यह तमाम जानकारी यूनिक आइडी कार्ड के जरिए जानी जा सकेंगी। यही नहीं यह भी पता चलेगा कि रोगी आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आता है अथवा नहीं।

डिजिटल कार्ड में मोबाइल, आधार नंबर भी

व्यक्ति को दिए जाने वाले डिजिटल हेल्थ कार्ड में उसका मोबाइल नंबर, आधार नंबर भी रहेगा। इन दो नंबरों के आधार पर ही यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा। पूरी आबादी के रिकार्ड एक क्लाउड प्लेटफार्म पर सुरक्षित रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नालंदा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके लिए पुणे की एक आइटी कंपनी से मदद ली जा रही है।

75 स्तर पर जांच तब बनेगा रिकार्ड

विभाग के अनुसार डिजिटल हेल्थ कार्ड में रक्त सीरम, यूरिन टेस्ट ईसीजी, सांस लेेने तकलीफ, मधुमेह, ब्लड प्रेशर समेत कुल 75 से अधिक स्तरों पर जांच की रिपोर्ट को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही व्यक्ति से बात कर उसके पुराने बीमारी से जुड़े रिकार्ड पर बात होगी। इसके बाद इन तथ्यों को शामिल करते हुए डिजिटल कार्ड जारी किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग बनाएगा डैश बोर्ड

विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए डैश बोर्ड बनाएगा। अमूमन सभी जिलों में एक एक डैश बोर्ड होंगे। जिसमें हर दिन के रिकार्ड आते रहेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार की डिजिटल योजना के तहत बिहार के लोगों को डिजिटल हेल्थ कार्ड देने की योजना है। मकसद स्पष्ट है कि बिहार के प्रत्येक नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी सरकार के पास रहे, ताकि किसी भी विपदा और परेशानी में उनकी अधिक से अधिक मदद की जा सके।

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