एनएमसीएच में डायलिसिस बंद, लौट रहे मरीज

गुर्दे से संबंधित रोग से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल बंद है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 01:15 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 01:15 AM (IST)
एनएमसीएच में डायलिसिस बंद, लौट रहे मरीज
एनएमसीएच में डायलिसिस बंद, लौट रहे मरीज

पटना सिटी : गुर्दे से संबंधित रोग से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) में लंबे समय से बंद है। यहां के नेफ्रोलाजी विभाग में लगी डायलिसिस की एक मात्र मशीन अधिकांश समय खराब रहती है। इसे संचालित करने के लिए दस साल बाद भी प्रशिक्षित टेक्नीशियन को तैनात कर पाने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहा है। एक भी प्रशिक्षित टेक्नीशियन नहीं होने के कारण 27 दिसंबर 2011 को लगी डायलिसिस मशीन से अब तक केवल 600 मरीजों को ही लाभ मिल सका है। हैरानी की बात यह है कि 2021 के नौ माह बीतने के बाद मार्च में केवल एक मरीज का ही डायलिसिस हो सका। डायलिसिस के लिए यहां आने वाले गरीब मरीजों को समस्याएं गिनाकर लौटा दिया जाता है।

इस मामले में विभागाध्यक्ष डा. अमर कुमार ने बताया कि अधिकांश समय मशीन खराब रहने के कारण इसका लाभ अधिक मरीजों को नहीं मिल सका। प्रशिक्षित टेक्नीशियन नहीं होने के कारण दो नर्स से काम लिया जा रहा है। एक पुरुष नर्स की हाल में तैनाती हुई है। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए एक मशीन से सभी का डायलिसिस संभव नहीं है। जगह कम है। संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। आरओ प्लांट बड़ा नहीं है। विभागाध्यक्ष ने कहा कि यदि तीनों पाली के लिए प्रशिक्षित टेक्नीशियन मिल जाए तो हर चार घंटे पर एक मरीज का डायलिसिस हो सकता है। इस साल अब तक केवल मार्च में एक मरीज का डायलिसिस हो सका है।

- दस साल बाद एक भी प्रशिक्षित टेक्नीशियन नहीं मिला

- विभाग में एक ही डायलिसिस मशीन, अधिकांश समय रहती खराब

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