सावधान! मधुमेह रोगी व्रत करने के पहले डाक्टर से लें सलाह
शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व्रत रखते हैं। बहुत से लोग व्रत के दौरान बीपी मधुमेह व नियमित रूप से ली जाने वाली दवाओें का सेवन बंद कर देते हैं। डाक्टरों के अनुसार मधुमेह जैसे रोगी व्रत नहीं रखें तो ज्यादा बेहतर है लेकिन दवाएं तो कतई नहीं छोड़ें।
पटना । शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व्रत रखते हैं। बहुत से लोग व्रत के दौरान बीपी, मधुमेह व नियमित रूप से ली जाने वाली दवाओें का सेवन बंद कर देते हैं। डाक्टरों के अनुसार मधुमेह जैसे रोगी व्रत नहीं रखें तो ज्यादा बेहतर है, लेकिन दवाएं तो कतई नहीं छोड़ें। मधुमेह जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को तो चाहिए कि वे व्रत के पहले अपने डाक्टर से परामर्श जरूर कर लें। डाक्टर के परामर्श के बिना दवाएं अपनी मर्जी से बंद करना नुकसानदेह हो सकता है।
व्रतियों के लिए मधुमेह की
दवा बदलवाना जरूरी :
इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल न्यू गार्डिनर के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि शुगर स्तर नियंत्रित रखने के लिए दो तरह की दवाएं आती हैं। एक शार्ट टर्म यानी चीनी का स्तर अधिक होने पर उसे कम करती हैं लेकिन सामान्य होने पर उनका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं कुछ दवाएं ऐसी होती हैं जो कि लंबे समय तक काम करती हैं। ऐसे में जब व्रती का पेट खाली होता है तब उसके असर से चीनी का स्तर काफी कम हो सकता है। मधुमेह रोगियों यदि व्रत करते हैं तो उन्हें अपने डाक्टर से मिलकर शार्ट टर्म वाली दवाएं लिखवा लेनी चाहिए।
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पेय पदार्थ निरंतर लेते
रहना है जरूरी
आहारविद् डा. नीरजा जौसुआ ने बताया कि व्रत रखने वाले बाहर की बनी मिठाइयों, डिब्बाबंद जूस आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करें। तला-भुना खाने के बजाय पानी में भिगोए ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट, खजूर आदि का सेवन करें। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी-दूध व नारियल पानी आदि का सेवन करें। मधुमेह रोगी हर ढाई से तीन घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें। जो लोग अनाज लेते हैं वे कम तेल में भोजन तैयार करें। सब्जियां ज्यादा लें। अधिक मीठे फल के बजाय सेब-खीरा जैसे फल लें और दूध जरूर लें। व्रत में रहने के बावजूद आधे घंटे टहलना जारी रखें।
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फल-मिठाई खाने के बाद आधे
घंटे बाद ही पानी पीएं व्रती
पटना : आयुर्वेदिक कालेज के अनुसंधान पदाधिकारी डा. शिवादित्य ठाकुर के अनुसार शारदीय नवरात्र के दौरान व्रती सर्दी-खांसी जैसे रोगों से पीड़ित नहीं हो इसके लिए कुछ एहतियात बरतना जरूरी है। सामान्यत: लोग मिठाई या कई बार मीठे फल खाकर पानी पीते हैं। इससे कफ की समस्या बढ़ती है। मिठाई, फल या ड्राई फ्रूट्स खाने के आधे घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए। इसके अलावा केला का सेवन कम करना चाहिए। इससे सर्दी जनित समस्याएं हो सकती हैं। उबले आलू को भूनने, सिघाड़े का हलवा, साबूदाना या पोस्ता दाना की पकौड़ी आदि बनाने में तेल की जगह गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए। सेंधा नमक के साथ गोल मिर्च का सेवन रोगों से बचाता है। सेब, कागजी बादाम, अखरोट, मुनक्का आदि का सेवन करें।