पटना में सतुआनी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी

सूर्य का मीन से मेष राशि में गोचर होने के साथ सतुआनी का पर्व मनाया गया। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद श्रद्धालुओं ने सतुआनी पर आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही खरमास माह का भी समापन हो गया। बंगला नववर्ष 1428 का भी आरंभ हो गया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 04:54 PM (IST)
पटना में सतुआनी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी
गंगा में आस्था की डुबकी, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण संवाददाता। प्रदेश में बुधवार को मेष संक्रांति पर सतुआनी का पर्व लोगों ने मनाया। सूर्य का मीन से मेष राशि में गोचर होने के साथ सतुआनी का पर्व मनाया गया। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद श्रद्धालुओं ने सतुआनी पर आस्था की डुबकी लगाई। आचार्य पीके युग ने बताया कि सतुआनी पर ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में प्रीति योग में पर्व को मनाया। वहीं विगत एक माह से चला आ रहा खरमास माह का भी समापन सतुआनी के साथ हो गया। बंगला नववर्ष 1428 का भी आरंभ हो गया। मिथिला क्षेत्रों में मिथिलावासियों ने सतुआनी पर 'टटका पाविन' पर्व को मनाया। लोगों ने अपने कुल देवता-देवी को सत्तू, गुड़, आम के टिकोला आदि का भोग लगाने के बाद स्वयं भी ग्रहण किया। सूर्य के राशि परिर्वतन होने के साथ सौरवर्ष का शुभारंभ और खरमास का भी समापन होने से मांगलिक कार्य आरंभ हो गए।

गंगा घाटों पर सुबह से लगी रही भीड़

राजधानी के प्रमुख गंगा घाटों पर बुधवार की अहले सुबह से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। हर-हर गंगे, हर-हर महादेव के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर प्रत्यक्ष देवता सूर्य के आराधना के साथ परिवार व समाज के कल्याण की कामना की। कलेक्ट्रिएट घाट, काली घाट, गांधी घाट, कुर्जी घाट, दीघा घाट, भद्रा घाट आदि पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। घाटों पर ही लोगों ने पूजा पाठ करके सत्तू, गुड़ का सेवन करते दिखे। ज्योतिषी पीके युग के अनुसार सत्तू, गुड़ का सेवन करने से शरीर का तापमान ठीक रहता है। सत्तू में गर्म निरोधक क्षमता होती है। वहीं राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने घर में स्नान के जल में गंगाजल या तीर्थ का जल मिलाकर स्नान कर दान-पुण्य कर पंडितों का आशीष प्राप्त किया।

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