शिक्षा विभाग का फैसला : बिहार के सभी स्कूलों में होगी ग्राउंड वाटर रिचार्ज की व्यवस्था, जानिए योजना

शिक्षा विभाग बिहार के सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की योजना का क्रियान्वयन कर रहा है। इस दिशा में प्रगति की रिपोर्ट पर 10 फरवरी से जिलेवार समीक्षा भी होने जा रही है। इसकी जिम्‍मेदारी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को दी गई है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 05:28 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 06:09 PM (IST)
शिक्षा विभाग का फैसला : बिहार के सभी स्कूलों में होगी ग्राउंड वाटर रिचार्ज की व्यवस्था, जानिए योजना
सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत कितने सरकारी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) योजना का क्रियान्वयन हो रहा है और इसके कार्यान्यवन की क्या प्रगति है, इसकी 10 फरवरी से जिलेवार समीक्षा होगी। विभाग ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को निर्देश जारी कर कहा है कि जल-जीवन-हरियाली योजना के क्रियान्वयन और उसकी तैयारियों की भी समीक्षा की जाएगी। इसके लिए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को विशेष जिम्मेवारी दी गई है।

सभी 80 हजार विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्देश

विभाग ने सभी 72 हजार प्रारंभिक और 8 हजार  माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्देश जिलों को दिया है। इसके लिए पहले ही विभाग द्वारा 75.32 करोड़ जिलों को जारी किया जा चुका है। विभाग के मुताबिक हर स्कूल में ग्राउंड वाटर रिचार्ज की  तकनीकी व्यवस्था की जा रही है। 

पहले फेज में स्कूलों को उपलब्‍घ कराए 80-80 हजार रुपये

फर्स्‍ट फेज के तहत प्रत्येक स्कूल को 80-80 हजार रुपये मुहैया कराए गए हैं। इस राशि से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की योजना कार्यान्वित हो रही है।  सबसे पहले माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ मध्य विद्यालयों में योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। आने वाले समय में हर स्कूल में वर्षा जल संचय की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

क्‍या है रेन वाटर हार्वेस्टिंग

रेन वाटर हार्वेस्टिंग का हिंदी में अर्थ वर्षा जल संचयन होता है। वर्षा के जल को किसी खास माध्यम से संचय करने या इकट्ठा करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। विश्व भर में पेयजल की कमी एक संकट बनती जा रही है। इसका कारण पृथ्वी के जलस्तर का लगातार नीचे जाना भी है। जल संचयन में घर की छतों, स्थानीय कार्यालयों की छतों या फिर विशेष रूप से बनाए गए क्षेत्र से वर्षा का एकत्रित किया जाता है। इसमें दो तरह के गड्ढे बनाए जाते हैं। एक गड्ढा जिसमें दैनिक प्रयोग के लिए जल संचय किया जाता है और दूसरे का सिंचाई के काम में प्रयोग किया जाता है।

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