वायरल बुखार से दो माह की बच्ची की मौत, दस भर्ती
नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल (एनएमसीएच) के शिशु रोग विभाग में बुधवार को वायल बुखार पीड़ित एक दो माह की बच्ची की मौत हो गई। विगत दो सप्ताह में यहां 11 बच्चों की मौत वायरल बुखार से हो चुकी है। वहीं राजधानी के चारों बड़े सरकारी अस्पतालों की शिशु रोग ओपीडी में बुधवार को 458 बच्चे पहुंचे।
पटना । नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल (एनएमसीएच) के शिशु रोग विभाग में बुधवार को वायल बुखार पीड़ित एक दो माह की बच्ची की मौत हो गई। विगत दो सप्ताह में यहां 11 बच्चों की मौत वायरल बुखार से हो चुकी है। वहीं, राजधानी के चारों बड़े सरकारी अस्पतालों की शिशु रोग ओपीडी में बुधवार को 458 बच्चे पहुंचे। इसमें से 60 में वायरल बुखार के लक्षण मिले और गंभीर लक्षण वाले दस बच्चों को भर्ती किया गया।
एनएमसीएच के अधीक्षक डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि गत 24 घंटे में शिशु रोग में भर्ती दो माह की जिस बच्ची की मौत हुई है उसका वायरल फीवर निमोनिया में बदल गया था। इसके साथ ही उसमें कई अन्य रोगों के भी लक्षण थे। वहीं एक नए वायरल संक्रमित बच्चे को भर्ती किया गया है। चार बच्चों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। बुधवार को ओपीडी में 93 बच्चे पहुंचे थे। इनमें से दो दर्जन से अधिक को वायरल बुखार था। इनमें से पांच में गंभीर लक्षण थे। उन्होंने बताया कि वायरल संक्रमण करीब दो सप्ताह तक चला। अब यह तेजी से कम हो रहा है। उपाधीक्षक डा. सरोज कुमार ने बताया कि 24 बेड वाले नवजात आइसीयू के सभी बेड फुल हैं। बच्चों के आइसीयू व इमरजेंसी में आठ बेड पर मरीज हैं।
---------
आइजीआइएमएस की ओपीडी
में 80 बच्चे, 14 वायरल पीड़ित
आइजीआइएमएस की ओपीडी में 80 बच्चे पहुंचे। इनमें से 14 वायरल संक्रमित थे। हालांकि, किसी में वायरल निमोनिया के गंभीर लक्षण नहीं थे इसलिए किसी को भर्ती नहीं किया गया है।
--------
पीएमसीएच की ओपीडी में 122 बच्चे, 16 संक्रमित, नौ भर्ती
पीएमसीएच की शिशु रोग विभाग की ओपीडी में 122 बच्चे पहुंचे। इनमें से 16 में वायरल बुखार के थे। गंभीर लक्षण वाले कुल नौ बच्चों को भर्ती किया गया। इनमें से आठ को इमरजेंसी और एक बच्चे को निकू में भर्ती किया गया है। बुधवार को किसी रोगी को डिस्चार्ज नहीं किया गया है और न ही किसी की मौत हुई है।
------
एम्स में 163 बच्चे पहुंचे ओपीडी
एम्स की ओपीडी में 163 बच्चे इलाज कराने पहुंचे। इनमें से 15 वायरल से पीड़ित थे। हालांकि, किसी बच्चे को यहां भर्ती नहीं किया गया है। जिन चार बच्चों को भर्ती किया गया वे दूसरे गंभीर रोगों से पीड़ित थे।