यूपी के गाजीपुर से बिहार के सिमरी तक गंगा में बहते दिखे शव, जिलाधिकारी देते रहे सफाई

बक्सर में उतराते शव पर सक्रियता बढ़ गई है। चौसा के महादेवा घाट के समीप गंगा तट से शवों के लगे होने की खबर मिलने के बाद प्रशासन ने वहां सक्रियता दिखाई लेकिन मंगलवार को भी गाजीपुर के कुतुबपुर से लेकर बक्सर के सिमरी तक कई शव बहते देखे गए।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:54 PM (IST)
यूपी के गाजीपुर से बिहार के सिमरी तक गंगा में बहते दिखे शव, जिलाधिकारी देते रहे सफाई
बक्सर की गंगा में शवों के मिलने के मामले में प्रशासन सक्रिया हो गया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बक्सर : बक्सर की गंगा में उतराते शव के मामले में प्रशासन चौकन्ना हो गया है। चौसा के महादेवा घाट के समीप गंगा तट से शवों के लगे होने की खबर मिलने के बाद प्रशासन ने वहां सक्रियता दिखाई, लेकिन मंगलवार को भी गाजीपुर के कुतुबपुर से लेकर बक्सर के सिमरी तक कई शव बहते देखे गए। सिमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बीस के डेरा के समीप भी शवों के पाए जाने की सूचना मिली। वहां जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक के निर्देश पर अंचलाधिकारी तथा पुलिस बलों को भेजा गया। इसके अतिरिक्त चौसा बाजार घाट, भैया बहिनी पुल के समीप स्थित गंगा घाट जैसे जगहों पर भी शवों के बहते देखे गए। 

कहां से बहकर आए शव, नहीं कह सकतेः डीएम

इधर, बक्सर प्रशासन द्वारा शव के यूपी की ओर से बहकर आने की बात कही जाने के बाद गाजीपुर जिला प्रशासन ने भी बयान जारी किया है। गाजीपुर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कहा कि कुछ संप्रदायों में मृत्यु के बाद शव को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा रही है। देश में कोई भी व्यक्ति कहीं पर जाकर शव को प्रवाहित कर सकता है। ऐसे में यह कहना कि शव गाजीपुर से या किसी अन्य जगह से बहकर शव बक्सर जा रहे हैं, यह कहना उचित नहीं होगा। उन्होंने बताया कि रिवर पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है। इसी बीच सोमवार की शाम भभुआ से गाजीपुर शव का जल प्रवाह करने आ रहे लोगों को चेक पोस्ट पर रोका गया तथा उनके स्वजनों के शवों का दाह संस्कार कराया गया। 

पैसों की कमी कारण बहाए जा रहे शव

इसी बीच तफ्तीश लिए जागरण टीम ने सीमावर्ती गाजीपुर जिले के कुतुबपुर गांव के लोगों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि शव बारे, गहमर आदि से भी बह कर आते हैं। राजवंश पासवान ने बताया कि जिन लोगों के पास शवदाह के पैसे नहीं होते वह सीधे गंगा में शवों को प्रवाहित कर देते हैं। अंबिका राय तथा राम राज पासवान का कहना है कि इन दिनों कुछ लोगों की मौत हुई है, जिनकी लाशें गंगा में बहाई गई हैं। 

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