दरभंगा, भागलपुर व बक्सर आयुर्वेदिक कालेज फिर होगी पढ़ाई, पटना-गोपालगंज में बनेंगे आयुष अस्‍पताल

तीन आयुर्वेदिक कालेज में पढ़ाई प्रारंभ कराने के साथ ही विभाग ने पटना सिटी स्थित नवाज मंजिल में भी आयुष अस्पताल निर्माण की योजना मंजूर की है। पटना-गोपालगंज में 50-50 बेड क्षमता के आयुष अस्पताल भी स्थापित होंगे। आयुर्वेद और यूनानी कालेजों में स्नातक सीटों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:17 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:17 AM (IST)
दरभंगा, भागलपुर व बक्सर आयुर्वेदिक कालेज फिर होगी पढ़ाई, पटना-गोपालगंज में बनेंगे आयुष अस्‍पताल
पटना का राजकीय आयुर्वेदिक अस्‍पताल। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। दरभंगा, भागलपुर के साथ ही बक्सर आयुर्वेदिक कालेज (Ayurvedic College) में एक बार फिर पढ़ाई शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने इसके प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही पटना और गोपालगंज में 50-50 बेड की क्षमता के आयुष अस्पताल भी स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग आयुष पद्धति को बढ़ावा देने के लिए एक साथ कई योजनाओं पर काम कर रहा है। तीन आयुर्वेदिक कालेज में पढ़ाई प्रारंभ कराने के साथ ही विभाग ने पटना सिटी स्थित नवाज मंजिल में भी आयुष अस्पताल के निर्माण की योजना मंजूर की है। इस भवन को अगले डेढ़ वर्ष में बना लेने का लक्ष्य है। बनने के बाद इस अस्पताल में आयुर्वेद, होमियोपैथी के साथ ही यूनानी और योगा पद्धति से इलाज की सुविधा दी जाएगी। 

बेगूसराय व दरभंगा में बनेंगे नए भवन 

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से गोपालगंज में आयुष अस्पताल खुलेगा, जबकि बेगूसराय और दरभंगा के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में दो नए भवन बनेंगे। मुजफ्फरपुर स्थित राय बहादुर टुनकी साह शासकीय होमियोपैथी मेडिकल कालेज सह अस्पताल के परिसर में भी एक नया भवन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और यूनानी कालेजों में स्नातक सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है। 

40 से बढ़ाकर 125 की गई सीटों की संख्‍या 

मंगल पांडेय के अनुसार राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज ने स्नातक (यूजी) सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है और पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू की गई। स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष डाक्टरों और जीएनएम की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई। सूबे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और वेलनेस सेंटर में भी आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा का विस्तार किया जाएगा। 

बता दें कि केंद्र सरकार भी देसी चिकित्‍सा पद्धति पर जोर दे रही है। कोरोना काल में आयुर्वेदिक चिकित्‍सा काफी प्रभावी रही। इसको देखते हुए आमजन की रुचि भी इस ओर बढ़ी है।  

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