अभी नहीं बदलेगा दरभंगा एयरपोर्ट का नाम, राज्‍यसभा में सुशील मोदी के प्रश्‍न पर मंत्री ने कही यह बात

केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री डा. विजय कुमार (Minister of State for Civil Aviation Dr Vijay Kumar) ने कहा कि दरभंगा हवाई अड्डे (Darbhanga Airport) का नामकरण विद्यापति हवाई अड्डा (Vidyapati Airport) किए जाने की निश्चित समय-सीमा नहीं दी जा सकती है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 07:47 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:47 AM (IST)
अभी नहीं बदलेगा दरभंगा एयरपोर्ट का नाम, राज्‍यसभा में सुशील मोदी के प्रश्‍न पर मंत्री ने कही यह बात
दरभंगा एयरपोर्ट का नाम विद्यापति करने की मांग। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री डा. विजय कुमार (Minister of State for Civil Aviation Dr Vijay Kumar) ने कहा कि दरभंगा हवाई अड्डे (Darbhanga Airport) का नामकरण विद्यापति हवाई अड्डा (Vidyapati Airport) किए जाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल का अनुमोदन जरूरी है। वे सोमवार को राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के सवाल का जवाब दे रहे थे। मोदी ने सदन में पूछा था कि दो वर्ष पूर्व बिहार विधान सभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा था, कि दरभंगा हवाई अड्डे का नाम विद्यापति के नाम किया जाए। मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि अप्रैल 2021 में बिहार सरकार की और से ऐसा प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। लेकिन इसमें केंद्रीय मंत्र‍िमंडल का निर्णय जरूरी है। मंत्री ने कहा कि इस मामले में कोई निश्चित समय-सीमा नहीं दी जा सकती, क्योंकि इस बारे में संबंधित मंत्रालयों से विचार विमर्श किया जाना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल का अंतिम अनुमोदन भी लिया जाना है। 

सिर्फ हंगामा करना नहीं हो विपक्ष का मकसद

इधर दूसरी ओर सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि सिर्फ हंगामा खड़ा करना विपक्ष का मकसद नहीं होना चाहिए। संसद के पिछले सत्र के आखिरी दिन सारी हदें पार करते हुए हंगामा करने वाले 12 सांसदों का निलंबन देश भर की विधानसभाओं के सदस्यों के लिए भी एक कड़ा, व आवश्यक संदेश है कि सदन में मर्यादा का पालन होना ही चाहिए। विपक्ष को आलोचना करने और सवाल पूछने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी को भी आसन का अपमान करने, माइक तोड़ने, रिपोर्टर टेबुल पर चढ़ने और मार्शलों से मारपीट करने जैसे आचरण की छूट नहीं दी जा सकती। विधायिका सवाल-जवाब, चर्चा और बहस करने का मंच है, मसल पावर दिखाने का अखाड़ा नहीं। उन्होंने कृषि कानून वापस लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

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