Crime in Bihar: प्‍यार से इतनी नफरत कि हर रोज एक का कत्‍ल, पानी से सस्‍ती यहां आदमी की जान

Crime in Bihar बिहार में हत्‍या हो जाना क्‍या एक सामान्‍य बात है? एनसीआरबी के मुताबिक यहां पानी के लिए गिरी लाशें प्रेम प्रसंग और अवैध संबंध में हर दिन हत्या वर्ष 2019 में मामूली विवाद भूमि विवाद और प्रतिशोध में हुई सबसे अधिक हत्याएं

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 07:03 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 07:03 AM (IST)
Crime in Bihar: प्‍यार से इतनी नफरत कि हर रोज एक का कत्‍ल, पानी से सस्‍ती यहां आदमी की जान
एनसीआरबी के ये आंकड़े बढ़ा सकते हैं आपकी चिंता। जागरण

पटना, [आशीष शुक्‍ल]। बिहार में नदियों, नहरों और तालाबों की कोई ऐसी कमी नहीं है कि यहां कोई बगैर पानी के मर जाए, लेकिन आपको यह जानकर ताज्‍जुब होगा कि यहां पानी के झगड़े में पिछले साल देशभर में सबसे अधिक लोगों ने जान गंवाई। इसी तरह आपसी विवाद, मामूली विवाद से लेकर भूमि विवाद के मामलों में हर साल सूबे में सैकड़ों लोग मौत के घाट उतार दिए जाते हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बता रहे हैं कि 2019 में बिहार एक ऐसा राज्य रहा, जहां देश में सबसे अधिक लोगों की हत्या पानी के लिए हुई। महाराष्ट्र में सात, सिक्किम में 13 हत्याओं के बाद टॉप पर बिहार का नाम है। यहां एक साल में 44 लोगों की पानी के विवाद में जान चली गई है। वहीं प्रेम प्रसंग और अवैध संबंध के आंकड़ों को मिला दिया जाए, तो हर दिन कम से कम एक ही लाशें गिर चुकी है। वहीं प्रतिशोध में 547 मौत के घाट उतार दिए गए।

हर साल बढ़ते गये हत्या के मामले

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार में वर्ष 2016 में 2581, वर्ष 2017 में 2803, वर्ष 2018 में 2934 और वर्ष 2019 में 3138 लोगों की हत्या हुई। इनमें कई ऐसे भी मामले दर्ज हैं, जिनका पुलिस पर्दाफाश नहीं कर सकी। उनकी हत्या के पीछे असली वजह क्या रही, यह पता नहीं चल सका।

यूपी के बाद बिहार में सबसे अधिक हत्या

वर्ष 2019 में प्रेम प्रसंग में यूपी में 385 तो बिहार में 270 लोगों की हत्या हुई। जबकि 101 लोगों की हत्या अवैध संबंध में हुई। इसमें पटना में प्रेम प्रसंग में नौ तो अवैध संबंध में चार को मौत की नींद सुला दिया गया।

जातिवाद और रोड रेज में मारे गए कई

हत्या की और भी वजह सामने आई। रुपये के लिए 143 लोग मारे गए तो वहीं डकैती के दौरान 26 लोगों की हत्या कर दी गई, जबकि 15 लोगों का डायन बताकर मार डाला गया। रोड रेज में तीन की जानें चली गईं। जातिवाद में चार को मौत की नींद सुला दिया गया और राजनीतिक कारणों से छह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यहां तक की सांप्रदायिक हिंसा में सात लोगों की हत्या हुई।

एनसीआरबी के आंकड़े

हत्या           कारण

1215         विवाद

782          भूमि विवाद

235          पारिवारिक विवाद

11            मामूली विवाद

143           रुपये के लिए

547           प्रतिशोध में

519           लाभ के लिए

26            डकैती के दौरान

गोली का शिकार हुए 18-30 साल के लोग

पिछले साल 2532 पुरुष और 586 महिलाओं की हत्या हुई। इसमें छह साल से कम उम्र का एक मासूम भी शिकार हो गया, जबकि छह से 12 साल की उम्र के 28 लोगों की हत्या हुई। वहीं 12 से 16 साल के बीच के उम्र के 40 लोग मारे गए। 16 से 30 के सबसे अधिक लोगों की हत्या हुई, जबकि 60 साल से अधिक उम्र के 34 बुजर्ग भी अपराधियों के निशाने से नहीं बचे।

चिंता पैदा करते हैं ये आंकड़े 44 हत्या पानी में लिए, टॉप पर बिहार 240 लोगों की हत्या प्रेम प्रसंग में हुई 547 लोगों की प्रतिशोध में गई जानें 101 को अवैध संबंध में मारा डाला 15 को डायन और डकैती में 26 हत्या

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