Covid Vaccination in Bihar: बिना सुई चुभाए लग जाएगा कोरोना का यह टीका, जानिए इसकी खासियत
कोरोना टीका का एक और विकल्प मिल गया है। अब 15 दिनों में जायडस कैडिया की जायकोव-डी वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में होगी उपलब्ध। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बिना सूई चमड़े में दी जाएंगी तीनों डोज। बच्चों के लिए अभी निर्देश नहीं
पटना, जागरण संवाददाता। सरकारी अस्पतालों में जल्द ही कोरोना से बचाव की तीसरी वैक्सीन का विकल्प भी उपलब्ध हो जाएगा। जायडस कैडिला कंपनी की जायकोव-डी (ZyCov D Vaccine) नामक यह वैक्सीन कई मायनों में खास होगी। पहला 28-28 दिन के अंतर पर इसकी तीन डोज दी जाएंगी और दूसरी खासियत है कि यह बिना सूई यानी निडिल के लगाई जाएगी। एक वाइल में दस डोज होंगी और इसका भंडारण काफी आसान है। सरकार के निर्देश के बाद इसके लिए चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आशा है कि दस से 15 दिन में इससे आमजन का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एसपी विनायक ने दी।
बच्चों के टीकाकरण पर अभी कोई निर्देश नहीं
बताते चलें कि जायकोव-डी देश की पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे 12 से 18 वर्ष के बच्चों को लगाने की अनुमति मिली है। हालांकि, बच्चों का टीकाकरण कब से शुरू होगा, इस बाबत अभी केंद्र सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिया है। डा. विनायक के अनुसार तीनों वैक्सीन की प्रभावशीलता में कोई अंतर नहीं है। जायकोव-डी की पूरी डोज 56 दिन में पूरी हो जाएगी। चूंकि, यह वैक्सीन विशेष नीडिल फ्री डिवाइस से मांसपेशियों के बजाय त्वचा की दूसरी सतह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करेगी, इसलिए टीकाकर्मियों को पूरी तरह प्रशिक्षित करने के बाद ही इसे शुरू किया जाएगा। जिन लोगों ने किसी वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली होगी, उन्हीं लोगों को यह वैक्सीन दी जा सकेगी।
जहां पहली डोज नहीं लेने वालों की संख्या ज्यादा, वहीं मिलेगी सुविधा
केंद्र सरकार 18 वर्ष से अधिक उम्र के टीकाकरण के लिए तीसरी वैक्सीन जायकोव-डी केवल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे सात राज्यों को ही उपलब्ध कराई है। इन्हें निर्देश दिया गया है कि जिन जिलों में अभी तक पहली डोज नहीं लेने वालों की संख्या अधिक है, वहीं इसे उपलब्ध कराया जाए। पटना के सरकारी अस्पतालों में यह उपलब्ध कराया जाएगा। को-वैक्सीन, कोवि-शील्ड की तरह जायकोव-डी भी निजी अस्पतालों या बाजार से नहीं ली जा सकेगी।
बिना इंजेक्शन ऐसे लगेगी वैक्सीन
जायकोव-डी वैक्सीन देने के लिए बिना सूई वाले इंजेक्टर तैयार किए गए हैं। इस विशेष डिवाइस में दवा भरकर उसे बाजू में कंधे के पास लगाकर बटन दबाने पर वैक्सीन त्वचा की दूसरी सतह में प्रवेश कर जाती है। इसमें सूई का प्रयोग नहीं होने के कारण इसे नीडल फ्री डिवाइस कहा जाता है।