पटना के सरकारी केंद्रों पर कोरोना जांच की व्‍यवस्‍था राम भरोसे, निजी में 1100 रुपए देकर 24 घंटे में मिल रही रिपोर्ट

पटना में कोरोना जांच की व्‍यवस्‍था का बुरा हाल निजी अस्‍पतालों में 11 सौ देने पर 24 घंटे में रिपोर्ट सरकारी व्यवस्था रामभरोसे सरकारी लैब आठ-दस दिन में भी नहीं दे रही रिपोर्ट हंगामा व तोडफ़ोड़ के तीन दिन बाद भी नहीं सुधरी रिपोर्ट की स्थिति

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 07:50 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:50 AM (IST)
पटना के सरकारी केंद्रों पर कोरोना जांच की व्‍यवस्‍था राम भरोसे, निजी में 1100 रुपए देकर 24 घंटे में मिल रही रिपोर्ट
पटना में कोरोना जांच की रिपोर्ट म‍िलने में हो रही देरी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Update News: बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार का एक कारण सात-आठ दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं आना है। गत शुक्रवार रिपोर्ट के लिए होटल पाटलिपुत्र अशोक में तोड़फोड़ और हंगामा के बाद अधिकारियों ने दो दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही थी। वहीं निजी लैब में 800 रुपये जांच और तीन सौ घर से सैंपल लेने के देने पर अगले दिन रिपोर्ट मिल रही है। यही नहीं सैंपल अपर्याप्त होने पर दोबारा घर आकर मुफ्त में सैंपल ले जाते हैं। ऐसे में लोग अपनों को सुरक्षित रखने के लिए सरकारी की बजाय निजी लैब को  प्राथमिकता दे रहे हैं।  

रिपोर्ट के लिए नहीं हो हंगामा, इसलिए पुलिस बल तैनात

कोरोना संक्रमण की आशंका से परेशान लोग शुक्रवार की तरह दोबारा रिपोर्ट के लिए होटल पाटलिपुत्र अशोक में आकर हंगामा नहीं करें, इसलिए यहां मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रविवार को भी लोग यहां कतार लगाकर अपनी रिपोर्ट के बारे में पूछते रहे लेकिन अधिकांश लोगों को मायूस लौटना पड़ा।

आरटी-पीसीआर जांच कराने का कोई सुबूत तक नहीं लोगों के पास

मंदिरी निवासी शैलेश कुमार, किदवईपुरी के राकेश कुमार, एसके पुरी निवासी सुधीर रंजन, करबिगहिया निवासी अतीश कुमार का कहना था कि जब उन्होंने जांच नमूना दिया था तो कहा गया था कि आरटी-पीसीआर जांच के लिए कोई पर्ची नहीं मिलती है। अब रिपोर्ट मांगने पर काउंटर पर बैठे कर्मी पहले पूछते हैं कि यहां सैंपल दिया था, दिया था तो कोई सुबूत होगा न? कुछ नहीं होने की बात कहने पर मोबाइल नंबर और नाम पूछकर कुछ देखते हैं और फिर सिविल सर्जन कार्यालय स्थित जिला स्वास्थ्य समिति जाने को कहा जाता है। वहां जाने पर गार्ड किसी से मिलने नहीं देता। जब रिपोर्ट नहीं करानी है तो ये आरटी-पीसीआर जांच कराना बंद क्यों नहीं कर देते हैं।

रिपोर्ट की बात सुनते ही अधिकारी डीएम से बात करने की दे रहे सलाह

रविवार को पोर्टल की धीमी रफ्तार, लैब में सैंपल जांच के नियमों के बदलाव से सभी सैंपल की जांच नहीं होने की सच्चाई बताने पर एक अधिकारी को हटा दिया गया। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच रिपोर्ट की बात करते ही सभी से डीएम से बात करने को कह रहे हैं। उनका कहना है कि एक कर्मी को अभी केवल सच बोलने पर हटाया गया है।

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