बक्सर में दो माह में शिखर से शून्य पर पहुंचा कोरोनावायरस, आंकड़े बता रहे सतर्कता से संक्रमणमुक्‍त होगा जिला

बक्‍सर जिले में दो माह में कोरोना शिखर से शून्य पर पहुंच गया। शुक्रवार को यहां कोविड का एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया। हालांकि इससे पहले अप्रैल और मई में कोरोना वायरस संक्रमण जिले में पीक पर रहा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 03:34 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:34 PM (IST)
बक्सर में दो माह में शिखर से शून्य पर पहुंचा कोरोनावायरस, आंकड़े बता रहे सतर्कता से संक्रमणमुक्‍त होगा जिला
बक्‍सर जिले में खत्‍म होने के कगार पर कोरोना का संक्रमण। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बक्सर, राजेश तिवारी। बक्‍सर जिले में दो माह में कोरोना शिखर से शून्य पर पहुंच गया। शुक्रवार को यहां कोविड का एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया। इससे जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली। हालांकि, इससे पहले अप्रैल और मई में कोरोना वायरस संक्रमण जिले में पीक पर रहा। तब इसकी भयावहता ने लोगों को भयाक्रांत कर दिया था। उस दौरान लगातार कई दिनों तक 150 से अधिक मरीजों की पहचान की गई। 19 अप्रैल को एक दिन में सबसे अधिक 232 नए संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। कुल मिलाकर कहा जाए तो 15 अप्रैल से 15 मई का समय जिले के लिए संक्रमण के मामले में सबसे खतरनाक काल रहा।

शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं था, जहां संक्रमण नहीं पहुंचा

इसी दौरान कोरोना का प्रसार शहर के बाद गांवों में भी तेजी से बढऩे लगा। प्रखंडों के विभिन्न गांव इसकी जद में आने लगे। शहरी क्षेत्र की बात करें तो उस समय नया बाजार, सोहनीपटटी, पीपी रोड, महाराजा पेट्रोल पंप के पास, पांडेयपटटी, सिविल लाइन, चरित्रवन, वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, बाबानगर, सिंडिकेट या यूं कहें कि शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं था जहां कोरोना के मरीज नहीं मिले रहे थे। सदर प्रखंड एवं जिला मुख्यालय का शहरी इलाका उस समय सबसे ज्यादा संक्रमित था।

शहर के बाद गांवों तक जा पहुंचा था वायरस का संक्रमण

कोरोना वायरस का संक्रमण ब्रह्मपुर, राजपुर, इटाढ़ी, चौसा, चौंगाई होते हुए अन्य प्रखंडों को अपने में आगोश में लेने लगा और इसके मरीज गांवों में मिलने लगे। हालांकि, कई ऐसे गांव भी रहे जहां आजतक कोरोना का प्रवेश नहीं हुआ। वहीं, इसके विपरीत ऐसे गांव में रहे जहां कोरोना के कारण कइयों की मौत तक हो गई। अब कोरोना का प्रसार जिले में कम हो गया है। अब तो इक्का-दुक्का मरीज ही सामने आ रहे हैं।

अब किस प्रखंड में बचे कितने सक्रिय मरीज

1. ब्रह्मपुर - 02

2. बक्सर - 05

3. चक्की - 00

4. चौंगाई - 00

5. चौसा - 02

6. डुमरांव - 07

7. इटाढ़ी - 01

8. केसठ - 00

9. नावानगर - 01

10. राजपुर - 00

11. सिमरी - 00

12. अन्य जिला - 1

घटकर 2.05 हो गई है पॉजिटिविटी रेट

संक्रमितों की संख्या कम होने से अब यहां पॉजिटिविटी रेट भी घटकर 2.05 हो गई है। आंकड़ों पर गौर करें तो 1 मार्च से 18 जून तक जिले में सवा दो लाख लोगों की जांच की गई। इस दौरान कुल 4745 संक्रमित मिले जबकि, महामारी के कारण 180 लोगों की मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि एक समय था जब यह आंकड़ा भी बढ़ा हुआ था।

24 घंटे में मिले तीन नए संक्रमित मरीज

शुक्रवार को सूचना सह जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से ग्रसित लोगों में केवल 20 लोग शामिल हैं। वहीं, संक्रमण का एक भी मामला इस दिन नहीं मिला। उन्होंने बताया कि इसी दिन कुल 1 व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गए। अभी वर्तमान में जिले में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या 20 है। जिले में अब तक 2 लाख 57 हजार 701 कोरोना संक्रमण की जाँच की गई है। इनमें से कुल 8 हजार 361 लोग संक्रमित पाए गए हैं। 12 अप्रैल को 297 थे संक्रमित, 13 को एक दिन में मिले थे 162 संक्रमित

14 अप्रैल को 461 पहुंची थी कुल संक्रमितों की संख्या, एक ही दिन 3 लोगों की हुई थी मौत

18 अप्रैल तक 938 हो गई थी जिले में कुल संक्रमितों की संख्या, मरने वालों की संख्या 5

19 अप्रैल को दो, 20 और 21 अप्रैल को तीन-तीन लोगों ने गंवाई थी कोविड संक्रमण से जान

21 अप्रैल तक 1433 हो गई थी कुल संक्रमितों की संख्या, मरने वालों की संख्या पहुंच गई थी 13

28 अप्रैल को एक दिन में मिले से थे 172 कोरोना संक्रमित मरीज, 23 अप्रैल को 158

19 अप्रैल को एक दिन में सबसे ज्यादा 232 संक्रमित मरीजों की हुई थी पहचान

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