CoronaVirus Effect in Bihar: कोरोना के कारण पटना में एयर एंबुलेंस से भी महंगी हो गई सड़कों की खटारा एंबुलेंस

CoronaVirus Effect in Bihar कोरोनावायरस संक्रमण का यह कुप्रभाव मरीजों की जान पर आफत बन गया है। उन्‍हें गंभीर हालते में अस्‍पताल ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। हालत यह है कि पटना में यह किराया एयर एंबुलेंस से भी अधिक हो गया है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 12:10 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 12:11 PM (IST)
CoronaVirus Effect in Bihar: कोरोना के कारण पटना में एयर एंबुलेंस से भी महंगी हो गई सड़कों की खटारा एंबुलेंस
बिहार में महंगे हुए निजी एंबुलेंस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, जयशंकर बिहारी। CoronaVirus Effect in Bihar पटना से एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) से दिल्ली जाना हो तो ढाई से छह लाख रुपये में काम चल जाएगा, लेकिन सड़क मार्ग से जाएं तो एंबुलेंस (Ambulance) की मौजूदा दर पर सात-आठ लाख रुपये देने पड़ जाएंगे। कोरोना संक्रमण काल (CoronaVirus Pandemic Era) में एंबुलेंस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं और लोगों को मजबूरी में देना भी पड़ रहा है। आठ-दस किलोमीटर की दूरी के लिए छह से सात हजार रुपये मांगे जा रहे हैं, यानी प्रति किलोमीटर 600-700 रुपये। वह भी सामान्य एंबुलेंस के लिए। उपकरणों से लैस है तो 1000-1200 रुपये भी देने पड़ जाएंगे। इस हिसाब से दिल्ली जाना पड़ जाए तो कम-से-कम सात-आठ लाख का बिल तो बन ही जाएगा। तर्क यह कि इसमें ऑक्सीजन और सैनिटाइजेशन चार्ज भी है। पीपीई किट का भी चार्ज है। यह और बात है कि चालक बगैर किट के ही कोरोना संक्रमित मरीज को लेकर चल रहे।

मरीज को 10 किमी के लिए देने पड़े छह हजार रुपये

मंगलवार को कंकड़बाग से पाटलिपुत्र स्थित रुबन मेमोरियल हॉस्पिटल आने के लिए सचिवालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को छह हजार रुपये देने पड़े। दूरी करीब दस किलोमीटर की थी। इन्हें थोड़ी कम राशि देनी पड़ी, अन्यथा पांच-छह किलोमीटर के लिए भी छह-सात हजार से कम में बात ही नहीं होती। पटेल नगर से पीएमसीएच पहुंचे एक मरीज के स्वजन ने बताया कि उनसे एकमुश्त छह हजार रुपये लिया है।

कम हैं सरकारी एंबुलेंस, फायदा उठाते निजी संचालक

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में कोरोना संक्रमितों की सहायता में लगे श्रवण कुमार ने बताया कि बेड लॉटरी की तरह हो गया है। कब खाली होगा और भर जाएगा, यह किसी तो पता नहीं है। जैसे ही बेड खाली होने की जानकारी मिलती है, स्वजन पीडि़त को लेकर इधर-उधर भागते हैं। सरकारी एंबुलेंस सीमित संख्या में हैं, इसलिए समय पर सभी को उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसी का फायदा निजी एंबुलेंस संचालक उठाते हैं।  

मनमाना भाड़ा की शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि निजी एंबुलेंस चालकों की मनमानी की शिकायत मिली है। यदि किसी से मनमाना भाड़ा लिया जाता है तो कंट्रोल रूम को एंबुलेंस के नंबर के साथ शिकायत करें। ऐसे संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना के डर से नहीं मिल रहे चालक, बढ़ा किराया

निजी एंबुलेंस संचालक संतोष कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में पांच किलोमीटर तक के लिए 700 रुपये लिए जाते हैं। 10 किलोमीटर तक के लिए एक हजार रुपये लगता है। अभी कोरोना संक्रमण के डर से चालक नहीं मिल रहे हैं। इसलिए तीन गुना अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।

एंबुलेंस के किराया को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं

एंबुलेंस का किराया कितना हो, इस पर स्पष्ट गाइडलाइन भी नहीं है। यह बात अधिकारी भी मानते हैं। यही कारण है कि कार्रवाई की जद से बाहर हैं। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, कोरोना संक्रमित को लाने वाले एंबुलेंस चालक को पीपीई किट पहनना अनिवार्य है, पर इसका अनुपालन नहीं हो रहा है।

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