बिहार के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बना कंट्रोल रूम
स्टेट कंट्रोल रूम सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों से समन्वय बनाकर ऑक्सीजन की जरूरत का आकलन करेगा। यह भी सुनिश्चित करेगा कि इन्हें ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति होती रहे। इसके लिए कंट्रोल रूम में चार अधिकारियों की टीम तैनात की गई।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की लगातार सूचना आ रही है। ऐसी सूचनाओं को देखते हुए सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया है। कंट्रोल रूम 24 घंटे सातों दिन काम करेगा। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दी।
बता दें कि आज रविवार को तो एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल को ऑक्सीजन ना मिलने की बात पत्र लिखकर प्रधान सचिव को बताई। गुहार लगाया है कि उन्हें अधीक्षक के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाए। क्योंकि ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में कोविड मरीजों की मौत होगी, जिसके लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा, जबकि वे खुद भी लाचार हैं।
यहां से होती बिहार में ऑक्सीजन की आपूर्ति
उन्होंने कहा कि बिहार को ऑक्सीजन की आपूर्ति जमशेदपुर और बोकारो ऑक्सीजन प्लांट से होती है। बिहार को लिंडे इंडिया और आइनॉक्स से ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलती है। उद्योग विभाग ने आज ही अपने दो अधिकारियों को दोनों स्थानों पर प्रतिनियुक्त किया है। रविवार तक दोनों अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पहुंच जाएंगे। इन दोनों अधिकारियों का दायित्व होगा कि वे मॉनिटर करें कि बिहार को समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलती रहे। प्रधान सचिव ने बताया कि शनिवार को बिहार को ऑक्सीजन टैंकर मिलने थे। उम्मीद है रात तक यह टैंकर बिहार पहुंच जाएंगे।
ये अधिकारी हुए तैनात
प्रधान सचिव ने बताया कि इसके अलावा राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए पटना में एक स्टेट कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। यह कंट्रोल रूप सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर समन्वय बनाएगा और अस्पतालों को नियमित ऑक्सीजन मिले इस दिशा में काम करेगा। प्रत्यय अमृत ने बताया कि कंट्रोल रूम में भारतीय वन सेवा के अधिकारी अरविंदर सिंह, भारतीय सेवा के अधिकारी पंकज दीक्षित, नवीन चंद्र प्रसाद और औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार को तैनात किया गया है। साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर नजर बनाए रखें।