बिहार में कांग्रेस बोली- महात्‍मा गांधी का सपना सुशासन से पूरा नहीं होगा, 16 साल में केवल तबाही हुई

Bihar Politics बिहार में कांग्रेस ने मौजूदा सरकार पर सत्‍ता के विकेंद्रीकरण के नाम पर तबाही मचाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि सरकार जिस रास्‍ते पर चल रही है उससे महात्‍मा गांधी और राजीव गांधी का सपना पूरा नहीं होगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:29 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:29 AM (IST)
बिहार में कांग्रेस बोली- महात्‍मा गांधी का सपना सुशासन से पूरा नहीं होगा, 16 साल में केवल तबाही हुई
बिहार में कांग्रेस ने पंचायती राज पर आयोजित किया कार्यक्रम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि पंचायती राज का सपना आज भी अधूरा है। जिस उद्देश्य के लिए महात्मा गांधी ने पंचायती राज की परिकल्पना की और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिसे साकार करने का प्रयास किया, वह पूरा नहीं हुआ। विकेंद्रीकरण के बजाय सत्ता का केंद्रीकरण हो गया। पंचायत प्रतिनिधि अपने आप को ठगा-सा महसूस करते हैं। स्वशासन का विकल्प सुशासन नहीं हो सकता। मदन मोहन झा मंगलवार को कांग्रेस रिसर्च विभाग द्वारा तैयार '16 साल की यात्रा : विकेंद्रीकरण से तबाही तक' नामक दस्तावेज जारी करने के बाद बोल रहे थे।

कार्यकर्ताओं को गांव की ओर जाकर पंचायत चुनाव का हिस्‍सा बनने का संदेश

इस मौके पर राज्यसभा सदस्य डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि आज पंचायतों की किस्मत का फैसला दिल्ली या पटना में हो रहा, जबकि निर्णय स्थानीय स्तर पर होना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि दिल्ली नहीं, गांव की ओर जाएं और पंचायत चुनाव का हिस्सा बनें। प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि पंचायत हमारी बुनियाद है, जो खोखली होती जा रही है।

आनंद माधव बोले- बिहार में सुशासन नहीं कुशासन

अपने स्वागत भाषण में रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष आनंद माधव ने कहा, इस दस्तावेज के माध्यम से यह बताया गया है कि किस प्रकार 16 वर्षों में वर्तमान सरकार ने विकेंद्रीकरण के नाम पर तबाही को अंजाम दिया। यह सुशासन नहीं, कुशासन है, जहां हर चीज को लाभ की दृष्टि से देखा जाता है। इस बार सभी चार महत्वपूर्ण पदों पर ईवीएम के माध्यम से मतदान होना है। यह उन अनुचित व्यवहारों की ओर संकेत करता है, जो व्यापक रूप से मतदाताओं की पसंद को प्रभावित कर सकते हैं। कार्यक्रम में ऋषि मिश्रा, लाल बाबू लाल, नागेन्द्र कुमार विकल, प्रो. शशि कुमार सिंह, असफर अहमद,  सौरभ कुमार, संयुक्ता सिंह, सुधा मिश्रा समेत अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी।

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