बिहार में जन्‍मजात हृदय रोग का होगा पूरी तरह मुफ्त इलाज, गुजरात की संस्‍था के साथ हुआ है करार

बिहार में जन्मजात हृदय रोग का निश्शुल्क इलाज चार व छह मार्च को स्क्रीनिंग चार मार्च को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान और छह को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में की जाएगी स्क्रीनिंग - गुजरात के राजकोट या अहमदाबाद में होगी सर्जरी आना-जाना खाना रहना समेत सब मुफ्त

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:35 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:35 AM (IST)
बिहार में जन्‍मजात हृदय रोग का होगा पूरी तरह मुफ्त इलाज, गुजरात की संस्‍था के साथ हुआ है करार
हृदय रोग के इलाज के लिए बिहार सरकार ने किया गुजरात की संस्‍था से करार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Free treatment congenital heart disease: बिहार में जन्मजात हृदय रोग से पीड़‍ित बच्चों के अभिभावकों को अब महंगे उपचार से घबराने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार के सहयोग से गुजरात की संस्था प्रशांती मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन महंगे ऑपरेशन मुफ्त करेगी। यही नहीं  गुजरात जाने-आने, रहने और खाने-पीने तक के तमाम खर्च सरकार वहन करेगी।

गुजरात की संस्‍था से हुआ है करार

चार मार्च को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) और छह मार्च को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में शिविर लगाकर संस्था जन्मजात हृदय रोग से पीड़‍ित ऐसे बच्चों को चिह्नित करेगी, जिन्हें तुरंत ऑपरेशन की जरूरत होगी। यह जानकारी आइजीआइसी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने शुक्रवार को दी।

इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार

निदेशक ने बताया कि संस्थान में इलाज करा रहे सौ जन्मजात हृदय रोगियों के अलावा प्रचार-प्रसार से जानकारी मिलने पर आए करीब सवा सौ बच्चों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य है। ईसीजी और ईको जैसी जांच रिपोर्ट देखने के बाद यह प्रशांती संस्था के विशेषज्ञ तय करेंगे कि तुरंत कितने बच्चों के उपचार को साथ ले जाएंगे। स्क्रीनिंग से लेकर सर्जरी व पूरे इलाज के अलावा घर वापस आने तक का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

हर वर्ष सामने आते हैं करीब डेढ़ लाख नए मामले

संस्थान में कार्यक्रम के समन्वयक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि देश में हर वर्ष जन्मजात हृदय रोग के करीब डेढ़ लाख नए मामले सामने आते हैं। समय पर इनकी जांच नहीं होने से आधे से अधिक की मौत हो जाती है। इसका एक कारण आशंका नहीं होने के कारण उपचार में देरी के अलावा इलाज व सर्जरी का महंगा होना है।

ये लक्षण हों तो जरूर लें स्क्रीनिंग में हिस्सा

आइजीआइसी के उपनिदेशक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हृदय की असामान्य धड़कन, तेजी से चलने या सीढ़ी चढऩे में बच्चे की सांस फूले, दूध पीने में हांफे, थोड़ा सा भी चलने में हांफने लगे, शारीरिक विकास सामान्य से कम हो, पेट व पैरों में सूजन, आंखों के चारो ओर सूजन, वजन कम होना, बेहोश होना, शरीर की त्वचा व नाखूनों का नीला या पीला होना जैसे  लक्षण दिखें तो चार मार्च को संस्थान आकर स्क्रीनिंग जरूर करा लें। ऐसे बच्चों में हृदय रोगी की आशंका हो सकती है।

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