बीडीओ के दफ्तर में जाने से पहले उतरवाए जा रहे जूता-चप्पल, सारण के डीएम तक पहुंची शिकायत
Saran News सारण जिले में पदस्थापित एक बीडीओ ने अपने कार्यालय में आम से खास तक के लिए जूता-चप्पल पहनकर आने पर बैन लगा दिया है। उनके दफ्तर में प्रवेश करने से पहले हर किसी को जूता और चप्पल बाहर ही खोलना पड़ता है।
छपरा, जागरण संवाददाता। Saran News: सारण जिले में पदस्थापित एक बीडीओ ने अपने कार्यालय में आम से खास तक के लिए जूता-चप्पल पहनकर आने पर बैन लगा दिया है। उनके दफ्तर में प्रवेश करने से पहले हर किसी को जूता और चप्पल बाहर ही खोलना पड़ता है। पूरा मामला मढ़ौरा प्रखंड कार्यालय का है। बीडीओ का इसके पीछे अपना तर्क है, लेकिन उनका यह फरमान कई लोगों को नागवार लग रहा है। लोगों ने इसकी शिकायत डीएम डा. नीलेश रामचंद्र देवरे से की है। डीएम को सौंपे गए शिकायत पत्र में बीडीओ के इस फरमान पर आपत्ति जतायी गई है। डीएम को दिए आवेदन में योजनाओं की जांच के नाम पर प्रताड़ित करने के भी आरोप लगाए गए हैं। उधर, बीडीओ भी पूरे तेवर में हैं। उन्होंने अपने को निष्पक्ष बताते हुए तमाम स्थानीय छोटे-बड़े जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान किया है।
निवर्तमान प्रमुख सहित कई लोगों ने मिलकर की शिकायत
मढ़ौरा प्रखंड के जितेंद्र कुमार, ललिता देवी, मनोरंजन कुमार सिंह, कुसुम देवी, निर्मला देवी सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने डीएम को दिए पत्र में कहा है कि वे बीडीओ के व्यवहार से आहत हैं। प्रतिनिधियों को परेशान करना, अवैध डिमांड करना और योजनाओं के जांच की धमकी देना उनकी आदत में शुमार है। अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं।
बीडीओ ने कहा, कार्यालय मेरा मंदिर, आने वाले सभी लोग माननीय
दूसरी तरफ मढ़ौरा बीडीओ मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा है कि कार्यालय उनका मंदिर है। यहां आने वाले सभी लोग उनके लिए माननीय हैं। कालीन बिछे कार्यालय प्रकोष्ठ में वे स्वयं जूता-चप्पल खोलकर आते हैं। दूसरों से भी ऐसा करने का निवेदन करते हैं। इसकी वजह से सफाई बनी रहती है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताया। कहा कि पंचायत की योजनाओं की स्थिति व स्थानीय जनप्रतिनिधियों व यहां के अफसरों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए वे डीएम को पत्र भेजेंगे।