बिहार के कई जिलों में पान मसाला और सिगरेट एजेंसियों पर वाणिज्‍य कर का छापा, सामने आई बड़ी धांधली

बिहार में वाणिज्य कर विभाग ने पान मसाला सिगरेट तथा तंबाकू प्रक्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने मंगलवार को 39 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। वाणिज्यकर आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में संयुक्त टीमें बनाकर प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:14 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:14 AM (IST)
बिहार के कई जिलों में पान मसाला और सिगरेट एजेंसियों पर वाणिज्‍य कर का छापा, सामने आई बड़ी धांधली
वाणिज्‍य कर विभाग के छापे में बड़ा खुलासा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में वाणिज्य कर विभाग ने पान मसाला, सिगरेट तथा तंबाकू प्रक्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने मंगलवार को 39 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। वाणिज्यकर आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में संयुक्त टीमें बनाकर प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। देर शाम तक 7.17 करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले पकड़े गए। विभाग ने आधिकारिक तौर पर जानकारी दी कि मंगलवार को भागलपुर व दरभंगा प्रमंडल के चार-चार, मगध प्रमंडल के छह, पटना व पूर्णिया के सात-सात, सारण के पांच और तिरहुत के छह व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का वाणिज्यकर की टीम ने औचक निरीक्षण किया।

बताया जा रहा है कि 26 प्रतिष्ठानों पर की गई जांच में 7.17 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला पकड़ में आया। शेष 13 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण समाचार लिखे जाने तक जारी था। बता दें कि पान मसाला पर 28 फीसद टैक्स 60 फीसद सेस तथा तंबाकू पर 28 फीसद टैक्स और 160 फीसद सेस है।

डा. प्रतिमा ने बताया कि विभाग को लगातार ऐसी सूचना मिल रही थी कि पान मसाला, तंबाकू जैसी वस्तुओं पर टैक्स और सेस की चोरी की जा रही है। साथ ही इनके परिवहन के लिए बेहद कम ई-वे बिल बनाया जा रहा है। विगत कुछ महीनों में विभाग के द्वारा पान मसाला की 29 गाडिय़ों को मोबाइल जांच में जब्त किया गया तथा इन पर 2.96 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।

पान मसाला प्रतिष्ठानों पर वाणिज्य कर की कार्रवाई अब तक 7.17 करोड़ की कर चोरी पकड़ी गई

आयुक्त सह सचिव ने बताया कि कर वंचना वाले व्यवसायियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। डेटा एनालिटिक्स से यह उजागर हुआ है कि अनेक व्यवसायियों द्वारा कारोबार में वैल्यू एडिशन नहीं दिखाया जाता है। साथ ही ज्यादातर टैक्स का भुगतान इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से किया जाता है। निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं पर ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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