मानसून है मेहरबान, ठंड पहले दे देगी दस्तक
इस साल मॉनसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहा है और इसका असर ठंड पर भी पड़ेगा
नीरज कुमार, पटना। इस साल मॉनसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहा है और इसका असर ठंड पर भी पड़ेगा। यानी, ठंड अक्टूबर के अंत तक ही दस्तक दे देगी।
मौसम विभाग अपने अध्ययन में स्पष्ट कर चुका है कि इस साल मानसून सामान्य दिनों की तुलना में एक सप्ताह देर तक रहेगा। बिहार में सामान्यत: 14 जून से 30 सितंबर तक मानसून रहता है। पटना के मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि इस साल छह से सात अक्टूबर तक अच्छी बारिश हो सकती है। वहीं, राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस वर्ष 10 अक्टूबर तक बारिश हो सकती है। इसका सीधा असर पर ठंड पर पड़ेगा।
राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार कहते हैं, इस वर्ष मानसून ज्यादा दिनों तक तो रहेगा ही, बारिश भी सामान्य से ज्यादा होने की उम्मीद है। इसके कारण हवा में अधिक नमी होने से कुहासा भी होगा, जो ठंड का कारण बनेगा। सामान्य तौर पर नवंबर के प्रथम सप्ताह में ठंड की आहट मिलने लगती है, लेकिन इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक ही ठंड शुरू हो जाएगी।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा कहते हैं, भारत मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि इस वर्ष मानसून एक सप्ताह देरी से लौटेगा। यह देश के पश्चिमी हिस्से से लौटता है। इस वर्ष देरी का असर बिहार पर भी पड़ सकता है।
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पछुआ हवा ही लाती है ठंड
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि देश में ठंड हमेशा पश्चिमी हिस्से से दस्तक देती है। इस दौरान देश में प्राय: पश्चिम से पूर्व की ओर हवा बहने लगती है। खासकर साइबेरिया के बर्फीली पहाड़ों से हवा गुजरती है तो काफी ठंडी हो जाती है। यही ठंडी हवा पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश करती है तो देश का उत्तरी हिस्सा ठंड की चपेट में आ जाता है।
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मौसम में बदलाव के कारण
-देश के मैदानी भाग की हवाओं की गति एवं दिशा।
-उत्तरी भारत एवं पूर्वी घाट का तापमान।
-उत्तरी गोलार्द्ध का तापमान।
-हिद महासगर पर हवाओं का दबाव।
-हिमालय एवं यूरेशिया में बर्फपात।
-देश में पिछले दो वर्षो में अलनीनो का प्रभाव।
-बंगाल की खाड़ी में हवा का दबाव।