सीएम नीतीश कुमार ने कहा- प्रकाश पर्व पर दशमेश गुरु का आशीर्वाद पूरी दुनिया को मिले

कोरोना के कारण काम को सीमित रखा गया है देश के कोने-कोने से संगत आई 354 वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा। तख्त श्री हरिमंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित ने कहा सिख इतिहास में सीएम नीतीश कुमार के योगदान व सेवा को याद किया जाएगा

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 05:53 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:13 PM (IST)
सीएम नीतीश कुमार ने कहा- प्रकाश पर्व पर दशमेश गुरु का आशीर्वाद पूरी दुनिया को मिले
सीएम नीतीश कुमार तख्‍त श्री हरिमंदिर साहिब में । जागरण फोटो।

पटना सिटी, जागरण संवाददाता । 'हम बिहार वासियों को गर्व है कि सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ है। दशमेश गुरु ने समाज में प्रेम-भाईचारा व एकता का संदेश दिया। हमारी प्रार्थना है कि 354 वेंप्रकाश पर्व पर श्री गुरु गोविंद सिंह का आशीर्वाद पूरी दुनिया को मिले। कोरोना के बावजूद इस बार भी देश के कोने-कोने से संगत आई है।' यह बात बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के 354 वें प्रकाश पर्व पर सम्मानित होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा।

जत्थेदार ने सीएम को सिरोपा व तलवार देकर किया सम्मानित

इससे पूर्व तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिरोपा व तलवार देकर सम्मानित किया। प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित ने कहा कि सिख इतिहास में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के योगदान व सेवा को याद किया जाता रहेगा। सीएम नीतीश कुमार ने सिख कौम के लिए जो काम किया है पूरी कौम उनका आभारी है। सीएम ने भयमुक्त बिहार की रचना किया इस कारण बाहर से लाखों पर्यटक आ रहे हैं।

 बाललीला में सम्मान के बाद ग्रहण किया प्रसाद

तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब से निकलने के बाद सीएम नीतीश कुमार बाललीला गुरुद्वारा मैनीसंगत पहुंचे। वहां बाबा कश्मीर सिंह भूरिवाले ने सीएम को सिरोपा देकर सम्मानित किया व तलवार भेंट किया। इसके वे लंगर पहुंचकर बाबा के प्रसाद ग्रहण किए।

सरबंसदानी दशमेश गुरु के योगदान को विश्व नहीं भूला सकता

इससे पूर्व सीएम ने तख्त श्री हरिमंदिर में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि सरबंसदानी दशमेश गुरु के योगदान को विश्व नहीं भूला सकता। सीएम ने कहा कि यहां पहले भी प्रकाश पर्व मनाया जाता था। धूमधाम से मनाए गए 350 वें प्रकाशोत्सव में बिहारवासियों ने अपनी जिम्मेवारी समझकर अतिथि देवो भव: का दायित्व निभाया। 350 वें प्रकाशोत्सव तथा 351 वें प्रकाश पर्व सह शुकराना समारोह में देश-विदेश से लाखों संगत आए। वे यहां से सुनहरी यादें साथ लेते गए। देश-विदेश की संगत बिहार की प्रशांसा आज भी करते हैं।

प्रथम गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व प्रतिवर्ष राजगीर में मनाया जाएगा

इसके अलावा राजगीर में भी मनाए गए सिखों के प्रथम गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाशोत्सव में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश के कोने-कोने से आए। राजगीर में भी प्रतिवर्ष प्रथम गुरु का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। सीएम ने कहा कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण कामों को सीमिति रखा गया फिर भी देश के कोने-कोने से संगत पहुंची।

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