सीएम नीतीश ने किसानों को दिए सफलता के मंत्र, बोले- फसल चक्र में बदलाव से बढ़ेगी आमदनी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निजात के लिए दो मंत्र दिए। जलवायु के अनुकूल खेती और फसल अवशेष प्रबंधन। उन्‍होंने कहा कि फसल चक्र में बदलाव जरूरी।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 10:19 PM (IST)
सीएम नीतीश ने किसानों को दिए सफलता के मंत्र, बोले- फसल चक्र में बदलाव से बढ़ेगी आमदनी
सीएम नीतीश ने किसानों को दिए सफलता के मंत्र, बोले- फसल चक्र में बदलाव से बढ़ेगी आमदनी

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निजात के लिए दो मंत्र दिए। जलवायु के अनुकूल खेती और फसल अवशेष प्रबंधन। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल चक्र में बदलाव जरूरी है। जुलाई तक जिन किसानों ने आवेदन दिए हैं, उन्हें इसी साल और जिन्होंने बाद में आवेदन दिया है, उन्हें अगले वर्ष बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा। मुख्यमंत्री संवाद कक्ष में बुधवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को विधिवत उद्घाटन के बाद संबोधित कर रहे थे। 

किसानों को सस्ती दर पर बिजली

उन्होंने कहा कि कृषि फीडर के जरिए किसानों को सस्ती दर पर बिजली दी जा रही है। जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन को भी जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा जाएगा। योजना के लिए पैसे मंजूर कर दिए गए हैं। जरूरत पडऩे पर और दिया जाएगा। भरोसा है कि नतीजे अच्छे आएंगे। प्रथम चरण में आठ जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में जलवायु के अनुकूल खेती की जा रही है। इन जिलों के 40 गांवों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। बाद में पूरे प्रदेश में इसे अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले लोग सिर्फ धान और गेहूं की खेती करते थे। किंतु अब 10 फीसद क्षेत्र में मक्के की भी खेती होने लगी है। बुआई के लिए हैपी सीडर और जीरो टीलेज मशीन का इस्तेमाल करने से खेती में पानी की जरूरत कम होगी। लोगों को प्रेरित करके ही जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटा जा सकेगा। 

11 सूत्री कार्यक्रम को मिशन मोड में करना है पूरा 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले तीन वर्षों में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च कर 11 सूत्री कार्यक्रम को मिशन मोड में पूरा करना है। इस पैसे से सोख्ता का निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पौधा रोपण, आहर-पईन, तालाब, कुओं-नलकूपोंका जीर्णोद्धार कराने के साथ उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। 

बिल गेट्स के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति को जानकर आश्चर्य हुआ कि बिहार के लोग भी जलवायु परिवर्तन के बारे में सोच रहे हैं। किंतु कुछ लोगों को विकास के साथ-साथ समाज सुधार के काम भी अच्छे नहीं लगते हैं। समाज सुधार पर भी सवाल खड़े करते हैं। हमें वैसे लोगों को नजरअंदाज करके प्रयास करते रहना चाहिए। 

पराली प्रबंधन के यंत्रों पर 80 फीसद अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली प्रबंधन को भी जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा जाएगा। बिहार में अभी 1300 कंबाइन हार्वेस्टर हैं, जिससे कटाई पर फसलों के अवशेष खेतों में रह जाते हैं। बाद में किसान इसे जला देते हैं। इसे रोकने के लिए किसानों की मदद की जा रही है। पराली प्रबंधन के लिए रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रिपर, स्ट्रॉ बेलर एवं रिपर कम बाइंडर का उपयोग किसानों को करना होगा। इन यंत्रों की खरीद पर किसानों को 75 से 80 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो अनुदान की राशि बढ़ाई जाएगी। सिर्फ लोगों को मानसिकता बदलकर कटनी के लिए नए यंत्रों को उपयोग में लाना होगा। 

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