सफाई भी, कमाई भीः गोबर से नहीं फैलेगी गंदगी- इससे बनाए गए गमले में खिलेंगे फूल
शहर में गोबर के कारण फैल रही गंदगी से निजात दिलाने की दो लोगों ने पहल की है। इससे बनाए जाएंगे गमले दीया और गोकाष्ठ भी। स्वच्छता अभियान में योगदान करने वाले दो प्रहरी इसके लिए आगे आए हैं।
मृत्युंजय मानी, पटना। पटना में अब गोबर से गंदगी नहीं फैलेगी, बल्कि इससे बनाए गए गमले में फूल खिलेंगे। सफाई भी, कमाई भी। यह पहल स्वच्छता अभियान में अहम भूमिका अदा करने वाले इंद्रपुरी के सीताराम अग्रवाल और पाटलिपुत्र के मनोज कुमार ने की है। शहर में गोबर के कारण गलियों में गंदगी और नालियां जाम होने की समस्या हमेशा रही है। इससे निजात के बहुत प्रयास किए गए, पर कोई फर्क नहीं पड़ा। दैनिक जागरण ने इस ओर ध्यान भी आकृष्ट किया था। बहरहाल, सीताराम और मनोज ने पटना नगर निगम के सहयोग से सफाई का यह बीड़ा उठाया है।
दोनों को किया गया सम्मानित
सीताराम और मनोज गोकाष्ठ प्लांट लगाने जा रहे हैं। नगर आयुक्त ने जब उन्हें पटना में गोबर के कारण गंदगी की समस्या बताई तो वे इसके लिए राजी हो गए। इन दोनों को सम्मानित भी किया गया था। सीताराम अग्रवाल राजस्थान के जयपुर के पास कोपुतली के मूल निवासी हैं। वे गोबर प्लांट से अच्छी तरह अवगत थे। वहीं, वैशाली जिले के विदुपुर के रहने वाले मनोज कुमार कांट्रैक्टर हैं। उन्होंने बताया कि गोबर से दीया, गमला, गोकाष्ठ सहित कई प्रकार के बर्तन बनाए जाएंगे। इसकी मशीन तीन लाख रुपये में मिल रही है।
गोबर की लकड़ी से होता है शवदाह
गोबर की लकड़ी से शवदाह भी होता है। गुजरात, राजस्थान व पश्चिम बंगाल में ऐसे प्लांट पहले से संचालित हैं। यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) के अरविंद कुमार ने बताया, पाटलिपुत्र अंचल में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने के अभियान के दौरान दोनों से मुलाकात हुई। स्वच्छता में इन दोनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पटना में गोबर की समस्या काफी पहले से बनी हुई है। जगह-जगह खटाल होने से गोबर के कारण नाला जाम हो रहा है। दोनों गोबर प्लांट लगाने के लिए तैयार हो गए हैं। नगर आयुक्त ने निगम की जमीन पर प्लांट लगाने की सहमति दे दी है। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी यह अच्छी पहल है। इससे कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा और आय भी होगी।