चर्चा : रोजगार के साथ महंगाई पर नियंत्रण रखने वाली सरकार बने

-एसकेपुरी पार्क में चुनावी चौपाल में लोगों ने बेबाक होकर रखी अपनी बात प्याज आलू और हरी सब्जियों ने बिगाड़ा बजट ------------------ जागरण संवाददाता पटना

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 03:10 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 03:10 PM (IST)
चर्चा : रोजगार के साथ महंगाई पर नियंत्रण रखने वाली सरकार बने
चर्चा : रोजगार के साथ महंगाई पर नियंत्रण रखने वाली सरकार बने

पटना । रोजगार और महंगाई पर नियंत्रण करने वाली सरकार चाहिए। जनप्रतिनिधियों को आम लोगों की समस्याओं का विशेष ध्यान रखते हुए समय पर उसका समाधान करना चाहिए।

शुक्रवार को बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के एसकेपुरी पार्क में दैनिक जागरण की चुनावी चौपाल में हर वर्ग के लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखीं। मंदिरी काठपुल निवासी ललिता देवी कहती हैं, प्याज, आलू और हरी सब्जियां भी काफी महंगी हो गई हैं। इससे बजट बिगड़ रहा है। सीता देवी कहती हैं, राशन कार्ड नहीं मिला। रोजगार चला गया। बच्चों को पढ़ाना और घर चलाना मुश्किल हो गया है।

बुद्धाकॉलोनी की दीपशिखा कहती हैं, कोरोना संक्रमण के दौरान चुनाव नहीं कराना चाहिए था। कोरोना की दवा बनने के बाद ही चुनाव होता। रैली में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। मिनिता देवी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान चुनाव हो रहा है। चुनाव के बाद कोरोना बढ़ने के नाम पर फिर लॉकडाउन कर दिया जाएगा। जनता कैसे जीवनयापन करेगी, यह सरकार को समझना चाहिए था। सरकार का चयन सोच समझकर करूंगी।

65 वर्षीय एसकेनगर के अभय कुमार सिंह कहती हैं, किसानों पर ध्यान देने वाली, बेरोजगारी दूर करने वाली, शिक्षा-स्वास्थ पर ध्यान देने वाली सरकार चाहिए। देवेंद्र प्रसाद वर्मा का कहना है कि जनता के बीच रहने वाला विधायक चाहिए। चुनाव के बाद विधायक दिखे ही नहीं। पटना का विकास हुआ है। विधि व्यवस्था और स्वास्थ में और सुधार की जरूरत है। मनोज कुमार का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। शिक्षा में सुधार वाली सरकार चाहिए। बच्चे शिक्षित होंगे तो व्यवस्था में बदलाव आएगा। राहुल गुप्ता कहते हैं, रोजगार नहीं मिल रहा है। रोजगार देने वाली सरकार चाहिए। विकास हुआ है लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा है। प्रणीत सर्वेश कहते हैं, ऐसा विधायक चाहते हैं कि कुछ करें या न करें, जनता के बीच रहें। सुख-दुख में साथ दें। शिक्षा और स्वास्थ व्यवस्था में काफी बदलाव की जरूरत है।

ब्रजनंदन सहाय कहते हैं, सरकार को चुनना मजबूरी है। उद्योग लगाने की नियत रखने वाली सरकार चाहिए। बेरोजगारी उद्योग लगने से ही दूर होगी। नौकरी देने की घोषणा कैसे पूरी होगी। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। सबका ध्यान रखने वाली सरकार चाहिए।

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