Bihar: चिराग के वोट बैंक पर तेजस्वी ने लगाई टकटकी, एकतरफा प्यार में नजर आ रही संभावना अपार
Chirag Paswan Politics News तेजस्वी यादव राजद के 25वें स्थापना दिवस समारोह के साथ-साथ रामविलास पासवान की जयंती भी मनाएंगे। संयोग से दोनों की तिथि एक ही है...पांच जुलाई। राजद की ओर से अब मकसद को भी एक करने की कोशिश की जा रही है।
पटना, अरविंद शर्मा। Chirag Paswan Politics News: सियासत में भी कभी-कभी लगाव एकतरफा करना-दिखाना पड़ता है। चिराग पासवान का अभी भाजपा से मोहभंग नहीं हुआ है। अपने राम से हनुमान को अब भी उतनी ही उम्मीद है, जितनी लोजपा में टूट-फूट से पहले तक थी, मगर इस उथल-पुथल के दौर में लोजपा के वोट बैंक पर राजद की टकटकी है। दिल्ली में बीमार पिता लालू प्रसाद की करीब दो महीने से तीमारदारी में लगे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना लौटकर चिराग के बंगले के बाहर दस्तक दी है। रामविलास पासवान से लालू की पुरानी दोस्ती का हवाला देकर तेजस्वी ने पहले तो चिराग को महागठबंधन में आने का न्योता दिया और अब भावनात्मक डोर से जोडऩे की कोशिश की है। तेजस्वी यादव राजद के 25वें स्थापना दिवस समारोह के साथ-साथ रामविलास पासवान की जयंती भी मनाएंगे। संयोग से दोनों की तिथि एक ही है...पांच जुलाई।
राजद की ओर से अब मकसद को भी एक करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा-जदयू गठबंधन के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने की तैयारी है। तेजस्वी के इस कदम को लोजपा के वोट बैंक से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार में लोजपा के कोर वोटरों की संख्या करीब छह से सात फीसद तक मानी जाती है। विधानसभा चुनाव में चिराग ने इसे साबित भी किया है। 135 सीटों पर लड़ते हुए लोजपा को 5.66 फीसद वोट मिले थे। दूसरी ओर तमाम कोशिशों के बावजूद राजद की छवि अभी तक मुस्लिम और यादव (माय) समीकरण से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाई है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के दायरे से राजद को बाहर निकालकर एटूजेड की पार्टी बनाने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन कसर अभी बाकी है। राजद को लोजपा के भाजपा से मोहभंग का इंतजार है, ताकि माय समीकरण के साथ एक और समूह को जोड़ा जा सके।
चिराग को स्वीकार नहीं तेजस्वी का प्यार
तेजस्वी ने चिराग को बड़े भाई कहकर महागठबंधन में बुलाया, लेकिन अगले ही दिन चिराग ने इन्कार कर दिया। बकौल चिराग, अभी किसी के साथ नहीं जाना। संगठन को मजबूत करना है। भाजपा से उम्मीद बरकरार है। मैंने भाजपा को नहीं, बल्कि भाजपा ने हमें निराश किया है। अभी मैं पूरी तरह अकेला रहना चाहता हूं। तेजस्वी अगर मेरे पिता की जयंती मनाना चाहते हैं तो उनका आभार मानूंगा। रामविलास पासवान की विचारधारा पर सबका अधिकार है।
यात्रा में भी मिल सकता है राजद का साथ
तेजस्वी के प्रस्ताव को चिराग मानें या न मानें, लेकिन राजद की ओर से कसर बाकी नहीं रहेगा। पांच जुलाई से चिराग अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से जब आशीर्वाद यात्रा निकालकर प्रदेश के भ्रमण पर निकलेंगे तो उन्हें पर्दे के पीछे से राजद का साथ मिल सकता है। इसके पीछे का मकसद भाजपा-जदयू के मुकाबले चिराग को नई शक्ति के रूप में स्थापित करना है। हालांकि आशीर्वाद यात्रा इस पर भी निर्भर करेगी कि तब तक प्रदेश में लाकडाउन की क्या स्थिति रहेगी, क्योंकि भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी होगा।