बिहारः कुशेश्वरस्थान और तारापुर में दिखा था चिराग फैक्टर, जदयू के सामने लोजपा ने बिछाए थे कांटे

कुशेश्वरस्थान और तारापुर उप चुनाव की तरीख का एलान हो गया है। 30 अक्टूबर को मतदान होंगे और 2 नवंबर को परिणाम आएंगे। उप चुनाव को ले चर्चा राजनीतिक गलियारे में अभी पुरानी नहीं हुई है। 2020 में चिराग ने जीत के अंतर को कम कर दिया था।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 05:16 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 05:16 PM (IST)
बिहारः कुशेश्वरस्थान और तारापुर में दिखा था चिराग फैक्टर, जदयू के सामने लोजपा ने बिछाए थे कांटे
लोजपा सांसद चिराग पासवान और बिहार सीएम नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : कुशेश्वरस्थान और तारापुर में होने जा रहे उप चुनाव को ले चर्चा राजनीतिक गलियारे में अभी पुरानी नहीं हुई है। 2020 के विधानसभा इलेक्शन में लोजपा की वजह से इन दोनों सीटों पर जदयू की जीत का अंतर काफी कम हो गया था, जबकि दोनों सीटें जदयू के लिए पारंपरिक सीट के रूप में शुमार हैं। चुनाव की तरीख का एलान हो गया है। 30 अक्टूबर को मतदान होंगे और 2 नवंबर को परिणाम आएंगे।

कुशेश्वरस्थान का गणित कुछ इस तरह का रहा था

कुशेश्वरस्थान का गणित कुछ इस तरह का रहा है कि 2020 में यहां जदयू और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी। यहां से लगातार जीतने वाले शशिभूषण हजारी स्वभाविक रूप से जदयू के प्रत्याशी थे जबकि महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के अशोक कुमार प्रत्याशी थे। जदयू के प्रत्याशी को 39.55 प्रतिशत वोट मिले जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी को 34.26 प्रतिशत वोट मिले थे। जदयू प्रत्याशी की जीत मात्र 7,222 मतों से हुई थी। लोजपा ने पूनम कुमारी को मैदान में उतार दिया था। उन्हें 9.79 प्रतिशत वोट मिले। कहा जा रहा था कि पूनम ने जदयू के वोटों में सेंधमारी की। वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी शशिभूषण हजारी को 43.04 प्रतिशत वोट मिला था और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रामविलास पासवान के दामाद व लोजपा प्रत्याशी मृणाल को मात्र 25.98 प्रतिशत वोट आए थे। वर्ष 2010 में भी शशिभूषण हजारी ने लोजपा को यहां से हराया था। रामचंद्र पासवान हार गए थे तब।

तारापुर में लोजपा ने 6.45% वोट हासिल कर लिया था

तारापुर का गणित यह है कि 15 वर्षों से लगातार इस पर जदयू का कब्जा है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी मेवालाल चौधरी को यहां काफी परिश्रम करना पड़ा। उन्हें 36.93 प्रतिशत वोट आए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद की दिव्या प्रकाश को 32.80 प्रतिशत वोट मिले थे। मेवालाल चौधरी मात्र 7,225 मतों से जीत पाए थे। लोजपा ने मीना देवी को तारापुर से उतारा था और वह 11,264 वोट पा गयी थीं। यह 6.45 प्रतिशत था। तारापुर के संदर्भ में भी यही बात कही गयी कि लोजपा ने जदयू के वोटों को काटा। पूर्व में 2015 में मेवालाल चौधरी की जीत 2020 की तुलना में अधिक मतों से हुई थी। तब उन्हें 45.27 प्रतिशत वोट आए थे। हम की टिकट पर शकुनी चौधरी उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे। उन्हें 37.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वर्ष 2010 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी को यहां से 14 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी। उन्होंने तब राजद के प्रत्याशी रहे शकुनी चौधरी को हराया था।  

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