चिराग बोले- बिहार में राजद-कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता, जदयू के साथ क्‍यों नहीं आए; ये राज भी खोला

Chirag Paswan News चिराग पासवान ने कहा कि विधानसभा चुनाव में वे एनडीए के साथ तभी आ सकते थे जब वे बिहार की चिंता छोड़कर नीतीश कुमार के सामने नतमस्‍तक हो जाते। चिराग का भाजपा और केंद्र सरकार के प्रति अभी भी पुराना रवैया ही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:37 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:37 PM (IST)
चिराग बोले- बिहार में राजद-कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता, जदयू के साथ क्‍यों नहीं आए; ये राज भी खोला
चिराग पासवान और नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष पद के लिए संघर्ष कर रहे चिराग पासवान ने पहली बार माना कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस गठबंधन को जीत उनकी वजह से मिली। अपनी पार्टी और परिवार में सिर-फटौव्‍वल होने के बाद मीडिया के सामने उन्‍होंने कहा कि अगर लोजपा बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए के साथ रहकर लड़ी होती तो नतीजे बिल्‍कुल लोकसभा चुनाव की तरह होते, जिसमें बिहार की 40 सीटों में से 39 उनके गठबंधन के हाथ आई थीं। इसी के साथ उन्‍होंने अपनी मजबूरी भी बताई कि वे किस वजह से एनडीए से बाहर रह कर चुनाव लड़े।

नीतीश कुमार के सामने नतमस्‍तक होना मंजूर नहीं

उन्‍होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए उन्‍होंने बिहार फर्स्‍ट, बिहारी फर्स्‍ट नाम से विजन डॉक्‍यूमेंट बनाया था। यह पूरे बिहार से उनके सर्वे पर आधारित एक विचार है, जिसके जरिये बिहार का विकास किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार इसे अपनाने को तैयार नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि सात निश्‍चय योजना के सहारे बिहार विकसित राज्‍यों की कतार में नहीं आ सकता है। उन्‍होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में वे एनडीए के साथ तभी आ सकते थे, जब वे बिहार की चिंता छोड़कर नीतीश कुमार के सामने नतमस्‍तक हो जाते।

भाजपा के प्रति चिराग का रवैया अब भी पुराना

अपनी पार्टी में गंभीर चुनौती का सामना कर रहे चिराग का भाजपा और केंद्र सरकार के प्रति अभी भी पुराना रवैया ही है। उन्‍होंने कहा कि वे खुलकर धारा 370, राम मंदिर और ऐसे सभी मुद्दों पर सदन में अपनी बात रखते रहे। उन्‍होंने कहा कि पार्टी आगे भी इसका अनुसरण करेगी। चिराग ने आज शाम दिल्‍ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे लोग सुविधाभोगी हैं और वे बिहार के लिए संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहते हैं। चिराग ने बताया कि हाल में उन्‍हें टायफाइड हो गया था। इसी दौरान उनकी पार्टी को तोड़ने की साजिश रची गई।

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