बिहार के स्‍कूलों में मगही, मैथिली, भोजपुरी सहित स्‍थानीय भाषा में पढ़ाई करेंगे बच्‍चे, शिक्षा विभाग ने तेज की तैयारी

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बच्चों को मातृभाषा व क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा दिलाने की घोषणा की थी। इसी आलोक में मगही मैथिली भोजपुरी अंगिका और बज्जिका एवं उर्दू समेत अन्य क्षेत्रीय भाषा में बच्चों की पढ़ाई की मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 01:54 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 01:54 PM (IST)
बिहार के स्‍कूलों में  मगही, मैथिली, भोजपुरी सहित स्‍थानीय भाषा में पढ़ाई करेंगे बच्‍चे, शिक्षा विभाग ने तेज की तैयारी
स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ेंगे बच्‍चे, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करने की तैयारियों में जुटी सरकार ने बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढऩे-लिखने संबंधी पाठ्य-पुस्तकें बनाने की कवायद तेजी से शुरू कर दी है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के दिशा-निर्देश पर प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों द्वारा बोली जाने वाली भाषा की सूची जिलों से मांगी गई। साथ ही भाषा सूची को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया गया है।

बता दें कि विधानसभा के बजट सत्र में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बच्चों को शिक्षा का माध्यम मातृभाषा व क्षेत्रीय भाषा में कराने की घोषणा की थी। इसी के आलोक में मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका और बज्जिका एवं उर्दू समेत अन्य क्षेत्रीय भाषा में बच्चों की पढ़ाई की मुकम्मल व्यवस्था करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्य-पुस्तकें होंगी तैयार :

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक, बच्चे अपनी मातृभाषा में चीजों को जल्दी सीखते और समझते हैं। इसीलिए नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि कम से कम कक्षा पांच तक और अगर संभव हो तो कक्षा आठ तक और उसके बाद भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा होना चाहिए। हम प्रयास करेंगे कि संबंधित मातृभाषा के विद्वानों व शिक्षाविदों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्य-पुस्तकें तैयार कराकर बच्चों को उपलब्ध करायी जाएंगी। शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के साथ-साथ बच्चों के लर्निंग आउटकम पर फोकस किया जा रहा है। बच्चे क्या सीख रहे हैं, क्या पढ़ रहे हैं, इसका सत्यापन भी करने जा रहे हैं। सरकार बालिका शिक्षा को भी प्राथमिकता देने में तेजी लाने जा रही है, ताकि महिला सशक्तीकरण में आगे बढऩे का सिलसिला जारी रहे। 

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