64 बड़े आतंकियों को ढेर करने वाले बिहार के छोटे को मिला वीरता पुरस्कार, पुलवामा में भी दिखाई थी बहादुरी

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बिहार के सूर्य प्रकाश उर्फ छोटे के नाम से बड़े-बड़े आतंकी भी खौफ खाते हैं। उन्‍होंने सात आंतंकियों को जिंदा भी पकड़ा है । पुलवामा हमले में कई को ढ़ेर किया था। सीआरपीएफ दिवस पर उन्‍हें राष्‍ट्रपति भवन में सम्‍मानित किया जाएगा। पढि़ए उनके शौर्य की कहानी

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 04:09 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 09:35 AM (IST)
64 बड़े आतंकियों को ढेर करने वाले बिहार के छोटे को मिला वीरता पुरस्कार, पुलवामा में भी दिखाई थी बहादुरी
सीआरपीएफ के जवान बिहार के सूर्य प्रकाश उर्फ छोटे की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan Border) पर बिहार के सूर्य प्रकाश उर्फ छोटे (Surya Prakash alias Chhote)  ने कई बड़ी करामात दिखाई है। दो दर्जन से ज्यादा मुकाबले में अद्भुत शौर्य का परिचय देते हुए अबतक 64 आतंकियों (terrorist) को ढेर किया है। सात को जिंदा भी पकड़ा है। इस दौरान कई बार वह खुद भी घायल हुए। आतंकी उनके नाम से ही खौफ खाते हैं। बिहार के सपूत को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने वीरता पुरस्कार (gallantry award) के लिए चुना है। सीआरपीएफ दिवस (CRPF Day)  पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। सूर्य प्रकाश गया जिले के टिकारी प्रखंड के संडा गांव के निवासी प्रह्लïाद शर्मा के पुत्र हैं। अभी श्रीनगर (Sri Nagar)  में तैनात हैं। बहादुरी के लिए अभी तक इन्हें सात पदक (medals) मिल चुके हैं। वह नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) के साथ मिलकर कई खतरनाक अभियान को अंजाम दे चुके हैं। एनआइए ने उन्हें प्रशंसा पत्र भी दिया है।

पुलवामा हमले में भी छोटे ने बड़ी भूमिका निभाई

सूर्य प्रकाश ने बताया कि वह 2011 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में भर्ती हुए थे। 2012 से उनकी तैनाती लगातार जम्मू-कश्मीर में ही है, जहां आए दिन आतंकियों से मुठभेड़ होती रहती है। पुलवामा हमले (Pulwama attack)  में भी छोटे ने अप्रतिम बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकियों को ढेर करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह (contemporary Home Minister Raj Nath Singh) ने सीआरपीएफ कैंप में जाकर छोटे को शाबाशी दी थी। उस मुठभेड़ (encounter)  में सीआरपीएफ के चार जवान भी शहीद हो गए थे, जिसका दर्द उन्हें आज भी है। 2018 के 31 दिसंबर में नेतपुरा कैंप में भी तीन साथी शहीद हो गए थे। किंतु सभी आतंकियों को ढेर करने में छोटे के शौर्य की तारीफ डीजी ने की थी और उन्हें प्रशंसा पत्र दिया गया था।

घुटने में हैं ग्रेनेड के चार छर्रे

2019 में गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले 25 जनवरी को इनकी टीम ने आधी रात में श्रीनगर के पंथा चौक के पास खनमू में तलाशी अभियान शुरू किया था। एक मकान में हलचल दिखाई दी। आंसू गैस के गोले फेंके गए तो आतंकियों की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। सूर्य प्रकाश ने अपने साथियों के साथ घर में प्रवेश किया। आतंकी एक छोटे से कमरे में छुपे हुए थे, जहां पहुंचना आसान नहीं था। बेहद मुश्किल हालात में भी छोटे ने हिम्मत के साथ मुकाबला किया। आंतिकयों की तरफ से फेंके गए ग्रेनेड में चार जवान घायल हो गए। छोटे के घुटने में भी ग्रेनेड के चार छर्रे लगे, जिन्हें आज भी नहीं निकाला जा सका है। बकौल छोटे, उन्होंने अभी तक खनमू, पंथा चौक, बटमालू, नवाकदल, फतेहकदल, बरजूला, मजगूंड एवं रंगरेट आदि कई जगहों पर आतंकियों के खिलाफ आपरेशन में हिस्सा ले चुके हैं। उनकी टीम तकरीबन हर सुबह अभियान पर निकलती है, जहां खतरों से खेलना होता है।

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