बिहार में कुलाधिपति का सभी कालेजों काे निर्देश- नैक से कराइए मूल्यांकन, अन्यथा अनुदान में कटौती तय
बिहार में कुलाधिपति ने सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों काे नैक से मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 10 अगस्त तय की गई है। मूल्यांकन नहीं कराने वाले विश्वविद्यालयों व कालेजों के अनुदान में कटौती की जाएगी।
पटना, स्टेट ब्यूरो। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की सख्ती को देखते हुए कुलाधिपति (Chancellor) ने प्रदेश के सभी अंगीभूत कालेजों और विश्वविद्यालयों (Constituent Universities & Colleges) के लिए नैक (National Assessment and Accreditation Council) से मूल्यांकन कराने हेतु आगाह किया है। हर कालेज को नैक मूल्यांकन के लिए आगे आना होगा। नैक से मूल्यांकन नहीं कराने वाले कालेज के अनुदान में रुसा द्वारा कटौती की जाएगी। कुलाधिपति ने नए सत्र की तैयारियों का टॉस्क सौंपने के बाद अब कुलपतियों को 10 अगस्त तक नैक मूल्यांकन हेतु कालेजों के आवेदन कराने को कहा है।
राज्य के 262 अंगीभूत कालेजों में केवल 40 का नैक मूल्यांकन
कुलाधिपति ने यह निर्देश इसलिए भी दिया है कि राज्य के 262 अंगीभूत कालेज हैं जिनमें से मात्र 40 कालेजों ने नैक से मूल्यांकन कराया है। इस साल अप्रैल में राजभवन द्वारा दिए गए निर्देश पर 117 कालेजों के प्राचार्यों ने नैक मूल्यांकन कराने में रुचि दिखायी है और सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार किया है। शेष 105 कालेजों को भी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयारी का निर्देश दिया गया है।
उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करता है नैक
नैक यूजीसी की शाखा है जो उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करता है। संसाधन और परफार्मेंस के आधार पर नैक द्वारा ग्रेडिंग की जाती है। इसका फायदा कालेजों को यूजीसी द्वारा अनुदान प्राप्त करने में होता है। नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय या कालेज द्वारा नैक को लेटर आफ इंटेंट (LOI) भेजा जाता है। इस पर नैक की सहमति मिलने के बाद कालेज को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजनी होती है। नैक की टीम सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के आधार पर कालेज का निरीक्षण करती है और ग्रेड करती है।
सेल्फ स्टडी रिपोर्ट में क्या-क्या हैं शामिल, यह भी जानिए
कालेज की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट में कालेज का विजन, स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम, शुल्क, सेमेस्टर, वार्षिक या पार्टटाइम कोर्स, सिलेबस रिवीजन, प्रवेश प्रक्रिया, क्वालीफाइंग मार्क्स, शैक्षणिक कार्य दिवस, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, शोध कार्य, रिसर्च, शैक्षणिक गतिविधियां, परीक्षा परिणाम, नेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन एवं नेतृत्व क्षमता आदि शामिल हैं।