बिहार में पंचायतों के लिए बढ़ जाएगा काम का दायरा, 15वें वित्त आयोग की राशि के लिए गाइडलाइन बदली
Bihar Panchayati Raj 15th Finance Commission बिहार में पंचायतों को 10वें वित्त आयोग की सिफारिश से मिले धन के उपयोग का दायरा बढ़ा। ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने के लिए गाइडलाइन में संशोधन के बाद पंचायतों में पार्क और छठ घाटों के निर्माण में भी राशि खर्च हो सकेगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के गांवों की तरक्की के लिए अतिरिक्त धन का इंतजाम हो गया है। अब इसके लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर मिलने वाली राशि का उपयोग हो सकता है। इस राशि के खर्च से संबंधित पुरानी गाइडलाइन में संशोधन किया गया है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की ओर से विधानसभा में की गई कुछ नई घोषणाओं के लिए धन खर्च के प्रविधान को इसमें जोड़ा गया है। इससे पंचायती राज संस्थाओं के पास योजनाओं के लिए धन की उपलब्धता बढ़ेगी।
राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी
राज्य सरकार ने गाइडलाइन में संशोधन कर कुछ नए मदों को जोड़ने की सिफारिश पिछले साल ही की थी। केंद्र ने हाल में इसकी मंजूरी दी है। इस आधार पर पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने आदेश जारी किया है। आदेश की प्रति सभी जिलाधिकारियों, उप विकास आयुक्तों, जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारियों और जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को दी गई है।
इन योजनाओं पर भी खर्च होगा धन
अपर मुख्य सचिव के आदेश के मुताबिक अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर मिलने वाली राशि से गांवों में खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे। बच्चों के लिए उद्यान (पार्क) का निर्माण किया जा सकेगा। इसके अलावा राज्य सरकार ग्रामीण स्तर पर मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए भी इस धन का उपयोग कर सकती है।
इस राशि से ग्रामीण सड़कों का होगा निर्माण
आदेश के मुताबिक इस राशि से ग्रामीण तालाबों में छठ घाटों का निर्माण भी किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जल जमाव प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों में भी धन का उपयोग होगा। यानी नाली और गली के पक्कीकरण में इसका उपयोग होगा। ग्राम पंचायतों की सड़कों के निर्माण को योजना का अंग बनाया गया है।
सीसी कैमरा और सामुदायिक शौचालयों पर होगा खर्च
विधानसभा में मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायतों में सीसीटीवी लगाने की घोषणा की थी। गाइडलाइन में इस योजना को शामिल कर लिया गया है। सीसीटीवी का कंट्रोल रूम पंचायत भवन में होगा। अब तक ग्र्रामीण विकास विभाग पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए धन खर्च कर रहा था। नई व्यवस्था में पंचायती राज विभाग भी इसके लिए धन देगा।