सीबीएसई में राष्ट्रीय औसत अंकों के फेर में फंसे बिहार के हजारों स्टूडेंट्स, पहली बार स्कूल परेशान
सीबीएसई द्वारा 12वीं के रिजल्ट के लिए तैयार मानक हजारों छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रहा है। खासकर उन विद्यालयों के बच्चों के लिए जो पहली बार 12वीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। उन विद्यालयों के बच्चों को राष्ट्रीय औसत अंकों के आधार पर मूल्यांकन करना है।
जागरण संवाददाता, पटना। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा 12वीं के रिजल्ट के लिए तैयार मानक हजारों छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रहा है। खासकर उन विद्यालयों के बच्चों के लिए जो पहली बार 12वीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। उन विद्यालयों के बच्चों को राष्ट्रीय औसत अंकों के आधार पर मूल्यांकन करना है। राष्ट्रीय औसत अंक काफी खराब होता है। अब अच्छे बच्चे भी उसकी चपेट में आ जाते हैं।
मालूम हो कि सीबीएसई ने पिछले तीन वर्षों के आधार पर इस वर्ष बारहवीं का रिजल्ट तैयार करने का निर्देश स्कूलों को दिया था। राज्य में लगभग 26 स्कूल ऐसे हैं, जो पहली बार 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए हैं। इन स्कूलों के पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों शामिल हैं। वहीं, राज्य में 600 से ज्यादा स्कूलों को 12वीं से मान्यता प्राप्त है।
स्कूलों ने बोर्ड को भेजा 12वीं का मार्क्स
बारहवीं के रिजल्ट के लिए स्कूलों द्वारा मार्क्स भेजने की अंतिम अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। बोर्ड ने स्कूलों को अंक भेजने के लिए 25 जुलाई को अंतिम तिथि निर्धारित की थी। राज्य में अधिकांश स्कूलों ने बोर्ड को मार्क्स भेज दिया है। अब बोर्ड 31 जुलाई से पहले कभी भी बारहवीं का रिजल्ट जारी कर सकता है। 25 जुलाई तक 1माक्र्स नहीं भेजने वाले स्कूलों का रिजल्ट बाद में जारी किया जाएगा। रिजल्ट को लेकर बोर्ड स्कूलों को कई बार निर्देश जारी कर चुका है।
10वीं का रिजल्ट कभी भी हो सकता जारी
सीबीएसई सूत्रों का कहना है कि बोर्ड ने दसवीं का रिजल्ट तैयार कर लिया है। इसके लिए स्कूलों ने पहले ही माक्र्स भेज दिया था। रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थी भी काफी उत्साहित हैं। बोर्ड अब कभी भी दसवीं का रिजल्ट जारी कर सकता है। स्कूल संचालकों का कहना है कि आइसीएसई बोर्ड द्वारा दसवीं एवं बारहवीं का रिजल्ट जारी होने के बाद सीबीएसई दसवीं का रिजल्ट कभी भी जारी कर सकता है।