बिहार में CBSE 10th Result को लेकर छात्रों व अभिभावकों में असंतोष, लगाए पैसे लेकर अंक देने के आरोप

CBSE 10th. Result बिहार में सीबीएसई के 10वीं के रिजल्‍ट से असंतुष्‍ट छात्रों ने आंतरिक मूल्‍यांकन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्‍होंने मानकों के उल्‍लंघन कर मनमाने तरीके से अंक देने के आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने बुधवार को स्‍कूलों से पास हंगामा भी किया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:58 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 04:59 PM (IST)
बिहार में CBSE 10th Result को लेकर छात्रों व अभिभावकों में असंतोष, लगाए पैसे लेकर अंक देने के आरोप
सीबीएसई 10वीं के रिजल्‍ट की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, जागरण संवाददाता। CBSE 10th. Result केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को 10वीं का रिजल्ट (CBSE 10th. Result) जारी कर दिया। इस रिजल्ट को लेकर छात्रों व अभिभावकों में असंतोष है। रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बुधवार को उन्‍होंने कई स्कूलों पर हंगामा किया। वे स्कूलों पर आंतरिक मूल्‍यांकन के मानकों की अवहेलना करने तथा पैसे लेकर अंक देने के आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर सीबीएसई के अधिकारी इस मामले में मौन हैं।

रिजल्‍ट से असंतुष्‍ट छात्रों का जगह-जगह हंगामा

10वीं के रिजल्‍ट से असंतुष्‍ट पटना कॉलेज के सामने स्थित टी राजा हाई स्‍कूल (T Raza High School, Patna) के छात्रों व अभिभावकों ने बुधवार को हंगामा किया। स्‍कूल के अधिकांश छात्रों को केवल 50 फीसद अंक मिले हैं। ऐसा हंगामा राज्‍य के कई स्‍कूलों के रिजल्‍ट से असंतुष्‍ट छात्रों ने जगह-जगह किया।

आंतरिक मूल्‍यांकन के आधार पर हुआ रिजल्ट

विदित हो कि कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Second Wave of CoronaVirus Infection) के कारण इस वर्ष सीबीएसई ने बिना परीक्षा लिए आंतरिक मूल्‍यांकन (Internal Evaluation) के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है। सीबीएसई ने गाइडलाइन बनाकर स्कूलों को रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। कई स्‍कूलों की मनमानी पकड़ में आने के बाद सीबीएसई ने उन्‍हें अंकों में संशोधन का निर्देश दिया। असंतुष्‍ट छात्रों व अभिभावकों का आरोप है कि इसके बावजूद स्‍कूलों के आंतरिक मूल्‍यांकन में मनमानी की गई है। इसमें सीबीएसई की गाइडलाइन टूटी है।

प्री बोर्ड में अच्‍छे अंक, फाइनल रिजल्‍ट में कम

कई असंतुष्‍ट छात्रों ने कहा कि प्री बोर्ड में अच्‍छे अंक आने के बावजूद 10वीं के फाइनल रिजल्‍ट में कम अंक आए हैं। उन्‍होंने कई स्कूलों से 15 से ज्यादा टॉपर बनने को लेकर भी सीबीएसई के मानदंड पर सवाल खड़े किए हैं। छात्रों का आरोप है कि सीबीएसई ने कहा था कि पिछले तीन वर्षों के रिजल्ट के आधार पर रिजल्ट तैयार करना है, लेकिन ऐसा हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है।

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