बिहारः सीबीएसई 10वीं और 12वीं रिजल्ट से असंतुष्ट छात्रों का परीक्षा के लिए आवेदन शुरू
CBSE 10th 12th Result दसवीं एवं बारहवीं के रिजल्ट से असंतुष्ट छात्र आगामी 15 अगस्त तक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। इस दौरान कंपार्टमेंटल के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पटना : सीबीएसई द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं के रिजल्ट से असंतुष्ट छात्र आगामी 15 अगस्त तक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। इस दौरान कंपार्टमेंटल के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। जिन छात्रों का सही मूल्यांकन नहीं हो पाया वे छात्र भी 15 तक आवेदन करने के पात्र होंगे। इस दौरान 12वीं के छात्र 19 एवं दसवीं के छात्र दस विषयों की परीक्षा दे सकते हैं।परीक्षा 25 अगस्त से आयोजित की जाएगी। इसके लिए बोर्ड ने कार्यक्रम जारी कर दिया है।
छूटे छात्रों को देनी होगी प्रायोगिक परीक्षा
सीबीएसई बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि जो छात्र किसी कारण से अब तक प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे पाए हैं। उन्हें प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होना होगा। जो छात्र प्रायोगिक परीक्षा में फेल हो गए हैं, वे भी प्रायोगिक परीक्षा दे सकते हैं।
कमेटी ने शुरू की शिकायतों की जांच
सीबीएसई द्वारा गठित कमेटी ने रिजल्ट से असंतुष्ट छात्रों की शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। कमेटी की गुरुवार को पहली बैठक आयोजित की गई है। बैठक में शामिल लोगों का कहना था कि जिन शिकायतों को स्कूल अपने स्तर पर हल कर सकते थे, वे भी शिकायतें बोर्ड को भेज दी गई हैं। मालूम हो कि इस वर्ष स्कूल ने ही रिजल्ट तैयार किया था।
बच्चों के हित में बोर्ड करे रिजल्ट में सुधार
बिहार पब्लिक स्कूल एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.डीके सिंह एवं उपाध्यक्ष डा.एसएम सोहेल ने कहा कि सीबीएसई छात्र के भविष्य को देखते हुए रिजल्ट में सुधार करें। सीबीएसई द्वारा तैयार की गई नीति के कारण दसवीं के बच्चों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है। बोर्ड को ऐसी नीति अपनाने की जरूरत है, जिससे छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके। सीबीएसई की गलत नीति के कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। संगठन के सचिव प्रेम रंजन ने कहा कि बच्चों ने जब परिश्रम किया तो उन्हें बेहतर अंक मिलना चाहिए। सीबीएसई की गलत नीतियों का खामियाजा उन्हें मिले अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रेस मार्क्स से भी बच्चों के अंकों में सुधार किया जा सकता है।