Caste Census of India: अहम है PM मोदी व CM नीतीश कुमार की मुलाकात, जानिए इनसाइड स्‍टोरी

Caste Census of India जातीय जनगणना के मुद्दे पर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में बिहार का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पीएम नरेंद्र मोदी से मिला। जातीय जनगणना को लेकर किस दल का क्‍या है स्‍टैंड और इसके कारणों को जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 12:10 PM (IST)
Caste Census of India: अहम है PM मोदी व CM नीतीश कुमार की मुलाकात, जानिए इनसाइड स्‍टोरी
मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Caste Census in India जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सोमवार को हुई मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। मुख्‍यमंत्री के नेतृत्‍व में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित पक्ष-विपक्ष के विभिन्‍न दलों के 11 नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम की आशा व्‍यक्‍त की है। खास बात यह है कि बिहार के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। 

जातीय जनगणना की मांग को अस्‍वीकृत कर चुकी है केंद्र सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार जातीय जनगणना की मांग को अस्‍वीकृत कर चुकी है, लेकिन बिहार में सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU), हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) एवं विकासशील इनसान पार्टी (VIP) जातीय जनगणना के समर्थन में हैं। इस मुद्दे पर एनडीए के ये घटक दल विपक्ष के साथ खड़े हैं। यूं कहें कि बिहार में जातीय जनगणना की मांग को लेकर बीजेपी को  छोड़ सत्‍ता पक्ष व विपक्ष का सुर एक है।

मानसून सत्र में बनी थी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की पृष्‍ठभूमि

जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लंबे समय बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। बिहार के पक्ष-विपक्ष के दलों के प्रतिनिधियों से बात के बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानतमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा था। इसके बाद सोमवार को यह अहम मुलाकात हुई है।

जानिए जातीय जनगणना के पक्ष में सीएम नीतीश व लालू के तर्क

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जाति  की जनसंख्या का पता लगने के बाद उनके विकास की योजनाएं बनाने में आसानी हो जाएगी। नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में प्रतिनिधित्व देने का रास्‍ता भी साफ होगा। उधर, राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी जातीय जनगणना का समर्थन किया है। लालू प्रसाद यादव ने तो जातीय जनगणना नहीं होने की स्थिति में जनगणना के बहिष्कार की धमकी दे दी है।

केंद्र का मामला बता कर कुछ भी स्पष्ट कहने से बचती रही बीजेपी

बिहार बीजेपी की बात करें तो वह इसे केंद्र का मामला बता कर कुछ भी स्पष्ट कहने से बचती रही है। बीजेपी जातीय जनगणना को जनसंख्या कानून से भी जोड़ कर देख रही है। बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री रामसूरत राय कहते हैं कि जातीय जनगणना हो, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण कानून भी बने। बीजेपी के राज्‍यसभा सदस्‍य सुशील कुमार मोदी ने भी कहा है कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं, इसीलिए वह इस मुद्दे पर विधान सभा और विधान परिषद में पारित  प्रस्ताव का हिस्सा रही।

जातीय जनगणना को ले राजनीतिक दलों की वोट बैंक पर नजर

विदित हो कि सभी राजनीतिक दल जातीय जनगणना को लेकर वोट बैंक पर नजरें गड़ाए हुए हैं। राजनीतिक दलों में पिछड़ी जातियों का हितैषी होने की होड़ लग गई है। यही कारण है कि केंद्र यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने से इनकार के बावजूद बिहार में बीजेपी खुलकर विरोध नहीं कर रही है और प्रधानमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल है।

मुलाकात के हासिल को लेकर सीएम नीतीश को बड़ी उम्‍मीद

सवाल यह है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का हासिल क्‍या होगा? मुख्‍यमंत्री ने इसके सकारात्मक परिणाम की उम्‍मीद जतायी है। बातचीत से आगे का रास्ता निकलेगा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहते हैं कि जातीय जनगणना तो होनी ही है। यह आज हो या बाद में, बात केवल वक्‍त की है। अच्‍छा तो यही होगा कि कि इसे अभी ही कर लिया जाए। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी कहते हैं कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो राज्य सरकार अपने स्तर से यह करा सकती है।

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