Caste Based Census: तेजस्वी बोले-कुत्ते-बिल्लियों की गिनती हो सकती है तो वंचित वर्ग की क्यों नहीं
जाति आधारित जनगणना में केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों की गिनती कराने के केंद्र सरकार के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि इसको लेकर उनकी पार्टी लगातार आंदोलन करती रहेगी।
पटना, आनलाइन डेस्क। जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) का मद्दा एक बार फिर गरमा गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि केवल एससी-एसटी की जनगणना की जाएगी। इस पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के प्रति आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर ट्विटर पर जमकर सरकार की आलोचना की है।
जातीय जनगणना के लिए लड़ते रहेंगे
तेजस्वी ने कहा है कि जातीय जनगणना के लिए हमारे दल ने लंबी लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे। यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फीसद से अधिक वंचित, उपेक्षित, उपहासित, प्रताड़ित वर्गों के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। बीजेपी सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या वो हिंदू नहीं है? एक अन्य ट्वीट में उन्होनें लिखा है कि बिहार के दोनों सदनों में BJP जातीय जनगणना का समर्थन करती है लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान कराती है।केंद्र सरकार OBC की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती?
भाजपा पर लगाया पिछड़े-अति पिछड़े से नफरत का आरोप
BJP को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफ़रत क्यों है? जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्यानार्थ योजनाएं कैसे बनेगी?उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी? उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा? वो कौन लोग है जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले? कुत्ता-बिल्ली,हाथी-घोड़ा,शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है। कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित,उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है? उनकी जनगणना के लिए फार्म में महज एक कॉलम जोड़ना है।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि इस बार की जनगणना में केवल SC-ST वर्ग के लोगों की गिनती कराने के पक्ष में सरकार है। इसको लेकर एनडीए के घटक दल जदयू भी लंबे समय से मांग करता रहा है।