By-Election in Bihar: उपचुनाव में लालू-नीतीश के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला, दिखेंगे सियासी रंग

By-Election in Bihar उपचुनाव को बड़े कैनवास पर देखा जा रहा है। इसलिए दोनों तरफ की तैयारियां भी उसी हिसाब से है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत कई बड़े नेता अभी से जुट गए हैं। क्षेत्र में कैंप करने लगे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 02:44 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 02:44 PM (IST)
By-Election in Bihar: उपचुनाव में लालू-नीतीश के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला, दिखेंगे सियासी रंग
लालू प्रसाद और नीतीश कुमार। फाइल फोटो
पटना, राज्य ब्यूरो। By-Election in Bihar: बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव को बड़े कैनवास पर देखा जा रहा है। इसलिए दोनों तरफ की तैयारियां भी उसी हिसाब से है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत कई बड़े नेता अभी से जुट गए हैं। क्षेत्र में कैंप करने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी कार्यक्रम लगने हैं। दूसरी तरफ की तैयारी भी कम नहीं है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) काफिले के साथ राजद प्रत्याशी के नामांकन के वक्त स्वयं तारापुर में मौजूद रहे। उन्‍होंने कुशेश्वरस्थान में भी राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव को विशेष जिम्मेवारी दे रखी है। दोनों मोर्चे का कड़ा और बड़ा मुकाबला दुर्गापूजा के बाद उस वक्त शुरू होने वाला है, जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू प्रसाद (Lalu Prasad) स्वयं मैदान में होंगे। 

लालू के आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा  

लालू प्रसाद के बिहार आने की खबर की प्रतिक्रिया में नीतीश कुमार ने यह कहकर चुनाव प्रचार की तल्खी बढ़ा दी है कि उनके आने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह जेल में रहकर भी तो यही काम करते थे। जाहिर है, बिहार की राजनीति को उस वक्त का इंतजार है, जब दो बड़े नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में फील्ड में नजर आएंगे।राजद ने स्टार प्रचारकों की सूची में लालू को रखा है। अभी तक की तैयारियों के मुताबिक दोनों क्षेत्रों में उनके दो कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। 

25 और 26 को सभा कर सकते हैं लालू प्रसाद 

डाक्टर ने अगर इजाजत दी तो 25 और 26 अक्टूबर को वह लगातार दो सभाओं को संबोधित करेंगे। पहले तारापुर जाना है और बाद में कुशेश्वरस्थान की सभा में शिरकत करना है। दोनों क्षेत्रों में उन्हें जदयू के साथ-साथ कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ भी प्रचार करना है। महागठबंधन में फूट के बाद लालू के लिए यह असहज करने वाली स्थिति होगी। नीतीश कुमार का कार्यक्रम भी बनाया जा रहा है। दोनों क्षेत्रों में उन्हें तीन-तीन, चार-चार सभाओं को संबोधित करना है। 

 
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