ट्रेन में गिरी व्यापारी की 500 की गड्डी, बगल बैठी महिला बोली-मुझसे कोई पूछे तब बताऊं कहां हैं पैसे
आपके भी पैसे कभी न कभी तो गिर ही गए होंगे। राशि बड़ी भी हो सकती है और कम भी। एक व्यापारी का दिन अच्छा था। उनकी पांच सौ रुपये की गिरी गड्डी एक महिला ने लौटा दी। हालांकि इतनी आसानी से नहीं। जानें क्या हुआ।
जागरण संवाददाता, पटना: दिखते तो नहीं पर लोग कहते हैं कि पैसों के हाथ और पैर होते हैं। पैसा कब एक शहर से दूसरे शहर चला जाता है पता ही नहीं चलता। अकसर लोग बड़े नोट इस लिए भी रखते हैं कि अगर फुटकर रखा तो पैसे जल्दी खर्च होंगे। आजकल कहां कोई कैश लेकर चलता है। अधिकतर लोग बैंक में ही पैसे रखते हैं। ज्यादा कैश लेकर चलना खतरे से खाली भी नहीं। एक व्यापारी भी ऐसे हादसे से बचे। किसी तरह ही सही उनके जेब से ट्रेन में गिरी पांच-पांच सौ रुपये की गड्डी एक महिला ने लौटा दी।
चाय वाले को पैसे देने में गिरी गड्डी
दरअसल, खगड़िया के प्रतिष्ठित व्यापारी कटिहार इंटरसिटी से खगड़िया से पटना आ रहे थे। पटना से उन्हें राजधानी एक्सप्रेस से व्यापार के सिलसिले में नई दिल्ली जाना था। व्यापारी एसी चेयरकार से यात्रा कर रहे थे। चाय वाले को पैसा देने के क्रम में उनकी जेब से पांच सौ रुपये की गड्डी सीट पर ही गिर गई थी। थोड़ी देर बाद जब रुपये देखने लगे तो नहीं मिले। उन्होंने तत्काल इसकी शिकायत ट्रेन में चल रही एस्कॉर्ट पार्टी से कर दी। एस्कॉर्ट पार्टी ने तत्काल जीआरपी इंस्पेक्टर से संपर्क किया।
तलाशी लेने की बात पर लौटाए पैसे
इंस्पेक्टर से दिशा-निर्देश मिलने के बाद पीयूष खेतान के आसपास बैठे यात्रियों से पूछताछ की गई। जब पुलिस वाले तलाशी लेने की बात कहने लगे तो बगल वाली सीट पर बैठी महिला ने पांच सौ रुपये की गड्डी निकालकर पीयूष को सौंपते हुए कहा कि यह उनकी सीट के नीचे गिरी हुई थी। अभी तक उनसे किसी ने इसके बारे में पूछा नहीं था। इस कारण उन्होंने नहीं बताया था। जब पूछ रहे हैं तो इसे वापस दे रही हूं। ट्रेन के पटना जंक्शन पहुंचने के बाद पीयूष खेतान स्वयं जीआरपी थाने पहुंचे इंस्पेक्टर का आभार व्यक्त किया। महिला द्वारा स्वेच्छा से रुपये वापस कर दिये गये। चोरी की नीयत से रुपये नहीं गायब किए गए थे इस कारण महिला को छोड़ दिया गया।